बोरवेल गढढे में फंसे दो वर्षीय बच्चे को 110 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला, मौत
संगरूर (पंजाब)। पंजाब के संगरूर जिले में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो वर्षीय फतेहवीर सिंह को करीब 110 घंटे बाद मंगलवार सुबह बाहर निकाला गया। फतेहवीर के स्वास्थ्य के संबंध में जो आभी जानकारी आ रही है उसके अनुसार उसकी मौत हो चुकी है। बोरवेल से निकालने के बाद उसे पुलिस सुरक्षा के साथ अस्पताल ले जाया गया। संगरूर उपायुक्त घनश्याम ठोरी ने कहा, ‘‘ फतेहवीर को बोरवेल से निकाल लिया गया है और उसे एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया जा रहा है।’’ अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला।
फतेहवीर को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर ही मौजूद थी। वेंटिलेटर की सुविधा से युक्त एक एंबुलेंस भी वहां मौजूद थी। फतेहवीर सिंह जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास एक सूखे पड़े बोरवेल में गुरुवार शाम करीब चार बजे गिर गया था। बोरवेल कपड़े से ढका हुआ था इसलिए बच्चा दुर्घटनावश उसमें गिर गया।
इसके बाद बच्चे को बाहर निकालने के लिए व्यापक स्तर पर एक बचाव अभियान चलाया गया। अधिकारी बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाने में तो सफल रहे लेकिन वे उस तक खाना-पीना नहीं पहुंचा पाए थे। बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के समांतर एक दूसरा बोरवेल खोदा गया था और उसमें कंक्रीट के बने 36 इंच व्यास के पाइप डाले गए थे। इस घटना से कुरूक्षेत्र में 2006 में गिरे बच्चे प्रिंस को बचाए जाने की घटना की याद ताजा हो गई। प्रिंस को करीब 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया था।