समय सीमा में पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति से जिन्दगी हुई आसान
बालोद। शासन की मंशा के अनुरूप शासकीय कार्यालयों में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाएॅ समय सीमा में उपलब्ध होने से शासन प्रशासन के प्रति आमजनों में विश्वास बढ़ा है। बालोद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत देवारभाट की 57 वर्षीय विधवा महिला श्रीमती खमेश्वरी और ग्राम जगतरा के 61 वर्षीय वृद्ध श्री गिरधर लाल की लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत समय सीमा में पेंशन प्रकरण की स्वीकृति से उनकी जिन्दगी आसान हुई है।
ग्राम पंचायत देवारभाट की 57 वर्षीय महिला श्रीमती खमेश्वरी ने बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष पहले उसके पति का अचानक स्वर्गवास हो गया। वह अपने दो लड़कों के साथ बेसहारा हो गई। वह भूमिहीन है। मजदूरी करती है, तब गुजारा होता है। उसने बताया कि 24 दिसम्बर 2018 को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत इंदिरा गंाधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन हेतु आवेदन किया और जनवरी मे उसे विधवा पेंशन स्वीकृत हो गया। उसे नियमित रूप से प्रतिमाह 350 रूपए विधवा पेंशन मिल रहा है। शासकीय उचित मूल्य की दुकान से दो रूपए प्रति किलोग्राम की दर से प्रतिमाह 21 किलो चॉवल खरीद लेती है। उसने प्रसन्नतापूर्वक बताया कि पेंशन का पैसा मिलने से वह अपने रिश्तेदारों के घर शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में शामिल हुई। अब वह अपना छोटा बेटा जो इस वर्ष कक्षा दसवीं उत्तीर्ण हुआ है, उसे और आगे पढ़ाना चाहती है।
इसी प्रकार ग्राम जगतरा के 61 वर्षीय वृद्ध श्री गिरधर लाल ने बताया कि वह पहले मजदूरी करके जीवन व्यतीत कर रहा था, लेकिन लगभग दो वर्ष से वह बांया पैर में तकलीफ के कारण चल नहीं पाता। लाठी के सहारे से चलता है। उसके पास मात्र 27 डिसमिल कृषि जमीन है, जिसमें बहुत कम उत्पादन होता है, उसकी पत्नी मजदूरी करती है। गिरधर लाल ने प्रसन्नतापूर्वक बताया कि वह दिसम्बर 2018 के अंतिम सप्ताह में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत इंदिरा गंाधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन किया और जनवरी में उसका वृद्धापेंशन स्वीकृत हो गया। प्रतिमाह 350 रूपए पेंशन मिलता है। इस राशि से वह प्रतिमाह शासकीय उचित मूल्य की दुकान से दो रूपए प्रति किलोग्राम की दर से चैदह किलोग्राम चॉवल खरीदता है, शेष राशि से सब्जी, नमक, तेल, साबुन आदि खरीदता है। ग्राम देवारभाट की खमेश्वरी और ग्राम जगतरा के गिरधर लाल ने प्रसन्नतापूर्वक कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत समय सीमा में पेंशन प्रकरण की स्वीकृति से उनकी जिन्दगी आसान हुई है।