कोऑपरेटिव बैंकों का 300 करोड़ बकाया
रायपुर। समर्थन मूल्य पर बढ़ी राशि का वितरण व अल्पकालीन कृषि ऋण लेने वाले किसानों से लिंकिंग के माध्यम से वसूले गए 1170 करोड़ रुपये किसानों के खाते में लौटा दिए गए। लेकिन कोऑपरेटिव बैंकों को शासन से पूरे पैसे नहीं मिले हैं। उनका 300 करोड़ 74 लाख रुपये बकाया है।
लगभग 4 लाख 90 हजार कृषकों ने समिति केंद्रों में धान बेच कर कर्ज लौटाया था। 2018 में किसानों ने कुल 5 हजार 170 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण लिया था। प्रदेश में धान खरीदी के लिए कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 16 लाख 96 हजार 834 है। इनमें रायपुर संभाग के पांच लाख किसान शामिल हैं। तीन महीने तक चली धान खरीदी में कुल 20 हजार 52 करोड़ रुपये के धान की खरीदी हुई।
समिति केंद्रों में धान बेच चुके किसानों के खाते में समर्थन मूल्य की बढ़ी हुई राशि तो आ गई। कुछ किसानों के खाते में लिंक फेल होने के कारण राशि पहुंचने में देरी हुई। इस पर बैंक अधिकारियों का कहना था कि बढ़े समर्थन मूल्य को लागू करने के लिए सिस्टम को अपडेट करना पड़ेगा। सिस्टम अभी पुरानी दर पर काम कर रहा था।