आपसी सुलह से निटपे पारिवारिक मामले
रायपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रायपुर जिला न्यायालय में शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुटुंब न्यायालय आपसी मतभेद भुलाकर जहां कई पति-पत्नी एक साथ रहने के लिए राजी हो गए वहीं गुजरे दौर के बैर को भुलाकर कई परिवार एक हो गए। इस अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में महावीर इंटर कांटीनेंटल के सहयोग से नि:शुल्क नेत्र परीक्षण शिविर एवं नारायण हास्पिटल देवेन्द्र नगर द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया। नवीन न्यायालय परिसर में पक्षकारों हेतु नि:शुल्क विधिक परामर्श केंद्र भी बनाया गया। विदित हो कि लोक अदालत में 11 हजार से अधिक मामले सुनवाई हेतु रखे गए हैं। उसमें सिविल मामले, राजीनामा योग्य आपराधिक मामले तथा प्री-लिटिगेशन मामलों को निराकृत किया जाएगा।
लोक अदालत की पहल पर आज सुबह चार दंपत्तियों ने मतभेद भुलाकर साथ रहने का फैसला किया। कुटुंब अदालत के न्यायाधीश ने सुखद फैसले के प्रति प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि वैचारिक मतभेद के कारण अलग रहने वाले दंपत्तियों ने सुलह का रास्ता अपनाया। उनके फैसले से उनका परिवार टूटने से बच गया। उनका यह फैसला उनके बच्चों के लिए सुखद रहा। ऐसे परिवार टूटते परिवारों के लिए सीख साबित होंगे। आपसी सहमति से एक होने वाले पति-पत्नी के बीच मतभेद था, लेकिन मनभेद नहीं था।
लोक अदालत की पहल पर सुलह के बाद कठिया गांव के पक्षकार बेहद खुश नजर आए। पक्षकार मुरली वर्मा ने बताया कि वह आदर्श समिति के अध्यक्ष हैं। दुर्गा बैठाने वाले स्थान को लेकर देवकुंवर जांगड़े से उनका विवाद हुआ और मामला बढ़ते हुए कोर्ट तक पहुंच गया। वर्ष 2015 से चल रहा विवाद के दौरान कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते हुए वे थक गए थे। आखिर कार लोक अदालत ने उन्हें रजामंदी का रास्ता सुझाया।