न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता से परेशान कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां अब युवाओं के कंधे पर बंदूक रखकर मोदी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश कर रही हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी और मनीष सिसौदिया, JEE-NEET परीक्षा को लेकर राजनीति करने पर उतर गए हैं। राहुल गांधी जहां ट्वीट कर समाधान निकालने की बात कर रहे हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसौदिया इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। एक तरफ ये नेता लॉकडाउन को लेकर लगातर ढील देने की वकालत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ परीक्षा रद्द करने की मांग। राहुल गांधी का कहना है कि लॉकडाउन कोरोना संकट का समाधान नहीं है, वहीं केजरीवाल सरकार लगातार दिल्ली मेट्रो चालू करने की मांग कर रही है। ममता बनर्जी भी बकरीद से लेकर तमाम अवसरों पर लॉकडाउन में छूट दे चुकी हैं, तो फिर JEE-NEET परीक्षा का विरोध क्यों?
#JEEMains के लिए कुल 8 लाख 58 हज़ार में से 7 लाख 41 हज़ार परीक्षार्थियों ने डाउनलोड किए अपने एडमिट कार्ड; सिर्फ़ 332 परीक्षार्थियों ने परीक्षा केंद्र बदलने का अनुरोध किया pic.twitter.com/tOxL9DocAl
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 26, 2020
— National Testing Agency (@NTA_Exams) August 21, 2020
https://twitter.com/Karan_2709/status/1298308813695549440?s=20
LIVE: Congress President Smt. Sonia Gandhi in discussion with 7 state CMs. https://t.co/uiXpcuqru3
— Congress (@INCIndia) August 26, 2020
परीक्षा जरूरी क्यों?
- स्टूडेंट्स का अकादमी ईयर खराब न हो
- सरकार पर छात्रों-अभिभावकों का दबाव
- परीक्षा के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- अब तक 85% से अधिक एडमिट कार्ड डाउनलोड
- एक परीक्षा केंद्र पर होंगे सिर्फ 100 से 150 छात्र
- छात्रों की सुविधा के अनुसार परीक्षा केंद्र आवंटित