झीरम और नान घोटाले की जांच से भाजपा में हड़कंप क्यों?

झीरम और नान घोटाले की जांच से भाजपा में हड़कंप क्यों?

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा नेताओं द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में उठाये गये विषयों के करारा जवाब में कांग्रेस सरकार द्वारा किसी के कार्यकाल की जांच नहीं करवाने प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नान घोटाले की जांच के लिये एसआईटी और जीरम नरसंहार की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है। झीरम और नान घोटाले की एसआईटी जांच से भाजपा में हड़कंप क्यों है इन जांचों से रमन सिंह और उनके सहयोगी भयभीत क्यों हो रहे है ऐसा क्या किया है जिसके उजागर होने के डर से पहले जांच रोकी गयी अब जांच शुरू होते ही भाजपा में भगदड़ एवं घबराहट की स्थिति है। नान घोटाला 36 हजार करोड़ का घोटाला है। इसमें राज्य के गरीबों की थाली के अनाज पर डाका डाला गया था। नान घोटाले के गुनाहगारों को सजा मिलनी चाहिये। जीरम कांड देश का सबसे बड़ा राजनैतिक हत्याकांड था इसमें कांग्रेस नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को मौत के घाट उतार दिया गया। सारा छत्तीसगढ़ चाहता है जीरम के आपराधिक राजनैतिक षड़यंत्र का सच सामने आये इसके गुनाहगारों को सजा मिले। अगर भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्षो से रोककर रखी गयी जीरम की जांच हो रही है तो इसमें भाजपा को क्यों पीड़ा हो रही है

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिये, लिये जा रहे निर्णयों और काम करने की गति से रमन सिंह और भाजपा को क्यों पीड़ा हो रही है तीन बार मंत्रिमंडल में चर्चा होने के बाद भी यदि रमन सिंह 5 डिसमिल से कम जमीनों की खरीद बिक्री और छोटे जमीनों की रजिस्ट्री की दिक्कतों को नहीं समाप्त कर पायें तो यह उनकी अकर्मण्यता थी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इसे एक झटके में कर दिया। कर्ज के बोझ से परेशान किसानों को भूपेश बघेल ने शपथ लेने के तीन घंटे के अंदर ऋण मुक्त करवा दिया, जो रमन सिंह 15 साल में नहीं कर पाये, उसे कांग्रेस ने कुछ दिनों में कर दिया। राज्य में धान की खरीदी 2500 रू. प्रतिक्विंटल में हो रही है। कांग्रेस महामंत्री ने कहा है कि ऋण मुक्ति का सर्टिफिकेट मांगने वाले भाजपा नेता भ्रामक बयानबाजी करने के बजाय राज्य के 16 लाख से अधिक किसानों से जाकर मिल ले उन्हें जमीनी हकीकत पता लग जायेगी। इतने ज्यादा लोगों से मिलने की फुर्सत नहीं है तो अपने ही दल के वरिष्ठ सहयोगी ननकी राम कंवर और चंद्रशेखर साहू से पूछ लें, किसानों का कर्जा माफ हो रहा है कि नहीं वहीं बता देंगे।

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