मुडि़या आदिवासियों के गांव में पुलिस की अनोखी पहल
सुकमा। दोरनापाल जगरगुंडा मार्ग पर दोरनापाल से लगभग 22किमी की दूरी पर स्थित गांव पुसवाड़ा में पंडुम उस्तव का आयोजन किया गया। पुलिस ग्रामीण मिलन उत्सव में करीब 150 सीआरपीएफ और पुलिस के जवान शामिल हुए। पांच हत्याओं का गवाह यह गांव नक्सल दृष्टि से अति संवेदनशील है।
इस ग्राम के 600 मुडि़या आदिवासियों के बीच पहुंचे जवानों ने डर हटाने और समानता कायम करने के लिए साथ बैठकर बेहतर संबंधों पर बात की और नक्सलियों का मिलकर सामना करने के लिए प्रेरित किया। इतना ही समानता और सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए जवानों ने आदिवासियों के साथ ही दाल-भात पकाया और साथ बैठकर खाया। इसके बाद आदिवासियों का स्वादिष्ट पेय ताड़ी-सल्फी पी और महुआ का भी आनंद लिया। इसके बाद ढोल मंजीरे की थाप पर पुलिस एवं ग्रामीणों द्वारा सामूहिक नृत्य किया गया। नृत्य आदि के के बाद जवानों ने ग्रामीणों को उनके दैनिक उपयोग की आवश्यक सामाग्री का वितरण किया और शिक्षा के प्रति जागरूक रहने की अपील की। विकास हेतु प्रशासन का साथ देने एवं नक्सलियों का एकजुट होकर विरोध करने के लिए प्रेरित किया गया।
आदिवासियों से बेहतर संबंधों के लिए पहल
जिले में पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ल, अतरिक्त पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी तेदमुंता बस्तर अभियान के तहत दोरनापाल पुलिस ग्रामीण के मध्य बेहतर संबंध बनाने हेतु नई पहल की गर्ई थी। ग्रामीणों के साथ पुलिस के बेहतर संबंध बनाने एवं परस्पर संवाद स्थापित करने के लिए प्रशासन इस तरह के कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहा है।