तेलंगाना में बंधक 13 श्रमिकों को छुड़ाकर वापस लाया गया

तेलंगाना में बंधक 13 श्रमिकों को छुड़ाकर वापस लाया गया

बलौदाबाजार। जिले के ग्राम चांदन (कसडोल) के 13 श्रमिकों को तेलंगाना राज्य में बंधक के हालात से मुक्त कराया गया है। तेलगांना के पिदापल्ली जिले की ईंट-भ_ों में वे पिछले चार महीने से बंधक बनाकर रखे गए थे। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के प्रयासों से उन्हें नारकीय हालात से छुड़ाकर उन्हें अपने गांव चांदन वापस पहुंचाया गया है। गांव रवाना होने के पहले इन लोगों ने अपने परिवारजनों के साथ जिला कलेक्टर श्री जे.पी.पाठक से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने कलेक्टर को अपनी आपबीती सुनाई। कलेक्टर ने श्रमिकों के प्रति सहानूभूति प्रकट करते हुए उन्हें पुनर्वास नीति के अंतर्गत हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। श्री पाठक ने कहा कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिला सहित छत्तीसगढ़ में भी श्रममूलक रोजगार की काफी संभावनाएं है। बड़ी संख्या में यहां पर भी ईंट-भ_े संचालित हैं। संपूर्ण सुविधाओं के बीच स्थानीय स्तर पर काम उपलब्ध कराने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिए।

बंधन से मुक्त कराए गए लोगों में ग्राम चांदन के घुररूराम यादव, चिंतामणि चैहान, प्रमोद कुमार भोई और ग्राम लिमदरहा के बेदराम यादव और उनके बाल-बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि ज्यादा कमाई के फेर में वे तेलंगाना चले गए थे। ओडिशा के कांटाभांजी निवासी मजदूर दलाल श्री पुरंदर बाघ ने बहला फुसलाकर उन्हें वहां ले गए। थोड़े दिन काम के बाद स्थिति प्रतिकूल हो गई। जितने पैसे देने का वायदा किया गया था, उससे आधा भी नहीं दिए। एक हजार ईंट निर्माण के लिए 750 रूपए देने की बात हुई थी। लेकिन वे मुकर गए और प्रताडि़त करने लगे। गांव वापस जाने की बात पर वे बिफर जाते थे और गाली-गलौज करते थे। किसी तरह उन्होंने पुलिस और जिला प्रशासन बलौदाबाजार तक संदेश पहुंचाई। स्थानीय श्रम विभाग, आईसीपीएस और पुलिस द्वारा तेलगांना के पिदापल्ली जिले के कलेक्टर-एसपी से चर्चा की गई और उन्हें छुड़ाकर सकुशल वापस लाया गया है।

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