नई दिल्ली(Bns-डेस्क)। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। पचहत्तरवें गणतंत्र दिवस शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि कल वह दिन है जब हम संविधान के प्रारंभ होने का जश्न मनाएंगे। इसकी प्रस्तावना “हम, भारत के लोग” शब्दों से शुरू होती है, जो दस्तावेज़ के विषय अर्थात् लोकतंत्र पर प्रकाश डालती है। भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है। यही कारण है कि भारत को “लोकतंत्र की जननी” कहा जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए, सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है, जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी ठाकुर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ। मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि सामाजिक न्याय के लिए अनवरत युद्धरत रहे, श्री कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म शताब्दी का उत्सव कल ही संपन्न हुआ है। कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे महान पक्षकारों में से एक थे जिन्होंने अपना सारा जीवन उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। उनका जीवन एक संदेश था। अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ।
मैं अपने उन किसानों और मजदूर भाई-बहनों के प्रति आभार व्यक्त करती हूं जो, चुपचाप मेहनत करते हैं तथा देश के भविष्य को बेहतर बनाने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। pic.twitter.com/SXmW5WpWTJ
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2024
राम मंदिर का जिक्र कर उन्होंने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में, हमने अयोध्या में निर्मित गौरवशाली नए मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की ऐतिहासिक ‘प्राण प्रतिष्ठा’ देखी। जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखा जाएगा, तो भविष्य के इतिहासकार इसे भारत की अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर पुनः खोज में एक मील का पत्थर मानेंगे। उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। अब यह एक भव्य इमारत के रूप में खड़ा है, जो न केवल लोगों के विश्वास की अभिव्यक्ति देता है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में लोगों के भारी विश्वास का प्रमाण भी है।
भारत को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने में अग्रणी योगदान देते हुए और Global Climate Action को नेतृत्व प्रदान करते हुए देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है। pic.twitter.com/NYGBUxrOyc
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द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है। यह परिवर्तन का समय है। हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया गया है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि हमारी विविधता का यह उत्सव, समता पर आधारित है जिसे न्याय द्वारा संरक्षित किया जाता है। यह सब स्वतंत्रता के वातावरण में ही संभव हो पाता है। इन मूल्यों और सिद्धांतों की समग्रता ही हमारी भारतीयता का आधारहै। डॉक्टर बी. आर. आंबेडकर के प्रबुद्ध मार्गदर्शन में प्रवाहित, इन मूलभूत जीवन-मूल्यों और सिद्धांतों में रची-बसी संविधान की भावधारा ने सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के लिए सामाजिक न्याय के मार्ग पर हमें अडिग बनाए रखा है।
भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी। pic.twitter.com/9SGQxP8ARr
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राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा मानना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण के लिए एक क्रांतिकारी उपकरण साबित होगा। इससे हमारी शासन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर हाल के वर्षों में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक रही है, और हमारे पास यह विश्वास करने के सभी कारण हैं कि यह प्रदर्शन वर्ष 2024 और उसके बाद भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी हासिल कर रहे हैं।
मुर्मू ने कहा कि सरकार ने 81 करोड़ से अधिक लोगों को अगले पांच साल तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। संभवत:, इतिहास में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा जन-कल्याण कार्यक्रम है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में डिजिटल विभाजन को पाटने और वंचित वर्गों के विद्यार्थियों के हित में, समानता पर आधारित शिक्षा व्यवस्था के निर्माण को समुचित प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने जोर दिया कि हमारे खिलाड़ियों ने अंतर-राष्ट्रीय मंचों पर भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि वर्धमान महावीर और सम्राट अशोक से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तक, भारत ने सदैव एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि अहिंसा केवल एक आदर्श मात्र नहीं है जिसे हासिल करना कठिन हो, बल्कि यह एक स्पष्ट संभावना है। हम आशा करते हैं कि संघर्षों में उलझे क्षेत्रों में, उन संघर्षों को सुलझाने तथा शांति स्थापित करने के मार्ग खोज लिए जाएंगे।
LIVE: President Droupadi Murmu's Address to the Nation on the eve of the 75th Republic Day https://t.co/Ca6eWS8w01
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द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने में अग्रणी योगदान देते हुए और वैश्विक जलवायु कार्रवाई को नेतृत्व प्रदान करते हुए देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी बदलाव, असाधारण गति के साथ,सुर्खियों से बाहर आकर, हमारे दैनिक जीवन का अंग बन गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने उन किसानों और मजदूर भाई-बहनों के प्रति आभार व्यक्त करती हूं जो, चुपचाप मेहनत करते हैं तथा देश के भविष्य को बेहतर बनाने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। सभी देशवासी हमारे सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्ध-सैन्य बलों का भी कृतज्ञता-पूर्वक अभिनंदन करते हैं।