न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। यह पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का का 78वां संबोधन था। इस दौरान पीएम मोदी ने महान एथलीट दिवंगत मिल्खा सिंह को याद करते हुए उनके साथ बिताए अपने समय को याद किया। इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ते कोरोना के मामले और तेजी से चल रहे टीकाकरण को लेकर चर्चा की। इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हैं।
खास बातें…
पिछली बार पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को 30 मई को संबोधित किया था। उस वक्त प्रधानमंत्री ने कोरोना की दूसरी लहर से जीत का रास्ता बताया था। उन्होंने कहा था कि इस बार भी वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारत विजयी होगा। मोदी ने कहा था कि हमने पहली वेव में भी पूरे हौंसले के साथ लड़ाई लड़ी थी, इस बार भी वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारत विजयी होगा। दो गज दूरी, मास्क से जुड़े नियम हों या फिर वैक्सीन, हमें ढिलाई नहीं करनी है। यही हमारी जीत का रास्ता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सच्चिदानंद भारती जी एक शिक्षक हैं और उन्होंने अपने कार्यों से भी लोगों को बहुत अच्छी शिक्षा दी है। आज उनकी मेहनत से ही पौड़ी गढ़वाल के उफरैंखाल क्षेत्र में पानी का बड़ा संकट समाप्त हो गया है। जहां लोग पानी के लिए तरसते थे, वहां आज साल-भर जल की आपूर्ति हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि आप ये जानकर हैरान रह जायेंगे कि भारती जी ऐसी 30 हजार से अधिक जल-तलैया बनवा चुके हैं। उनका ये भागीरथ कार्य आज भी जारी है और अनेक लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं। उन्होंने लगातार छोटे-बड़े तालाब बनवाये। इससे न सिर्फ उफरैंखाल की पहाड़ी हरी-भरी हुई, बल्कि लोगों की पेयजल की दिक्कत भी दूर हो गई। साथियों, पहाड़ों में जल संरक्षण का एक पारंपरिक तरीक़ा रहा है जिसे ‘चालखाल’ भी कहा जाता है , यानि पानी जमा करने के लिए बड़ा सा गड्ढा खोदना।
Commendable momentum on the vaccination front. #MannKiBaat pic.twitter.com/9h64YhXSBp
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2021
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण पर बात करते हुए कहा कि- बादल जब बरसते हैं तो केवल हमारे लिए ही नहीं बरसते, बल्कि बादल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बरसते हैं। बारिश का पानी जमीन में जाकर इकठ्ठा भी होता है, जमीन के जलस्तर को भी सुधारता है। और इसलिए मैं जल संरक्षण को देश सेवा का ही एक रूप मानता हूँ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टीके की सुरक्षा देश के हर नागरिक को मिले, हमें लगातार प्रयास करते रहना है। कई जगहों पर वैक्सीन को लेकर झिझक को खत्म करने के लिए कई संगठन के लोग आगे आये हैं और सब मिलकर के बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मेरी माँ तो क़रीब-क़रीब 100 साल की हैं, उन्होंने भी दोनों डोज लगवा लिए हैं। कभी-कभी किसी को इससे बुखार वगैरह आता है, पर वो बहुत मामूली होता है, कुछ घंटो के लिए ही होता है। देखिए, वैक्सीन नहीं लेना बहुत ख़तरनाक हो सकता है।
Every athlete who is going to @Tokyo2020 has worked hard.
They are going there to win hearts.
It must be our endeavour to support our team and not put pressure on the team. #MannKiBaat pic.twitter.com/DTqRC4Mwp8
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों, कस्बों, गाँवों से निकल करके आते हैं। जब टेलेंट, डेडिकेशन और स्पोर्ट्समैन स्पिरिट एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई चैंपियन बनता है। टोक्यो जा रहे हमारे ओलंपिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि- मिल्खा सिंह जी से बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार, जब हमारे खिलाड़ी, ओलंपिक्स के लिए टोक्टो जा रहे हैं, तो आपको हमारे एथलीट का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है। हम सब जानते हैं कि मिल्खा सिंह जी का पूरा परिवार स्पोर्ट्स को समर्पित रहा है, भारत का गौरव बढ़ाता रहा है। मुझे आज भी याद है 2014 में वो सूरत आए थे। हम लोगों ने एक नाइट मैराथॉन का उद्घाटन किया था। उस समय उनसे जो गपशप हुई, खेलों के बारे में जो बात हुई, उससे मुझे भी बहुत प्रेरणा मिली थी।
In a few weeks, our contingent will play at @Tokyo2020.
Every Indian is rooting for our sports stars.
We also pay tributes to one of India’s greatest athletes Milkha Singh Ji. pic.twitter.com/QThIMr0BEx
— Narendra Modi (@narendramodi) June 27, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि जब बात टोक्यो की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जी जैसे महान एथलीट को कौन भूल सकता है ! कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। वो खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था। जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था।
मेरे प्यारे देशवासियो,नमस्कार! अक्सर ‘मन की बात’ में, आपके प्रश्नों की बौछार रहती है। इस बार मैंने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, मैं आपसे प्रश्न करूँ, तो, ध्यान से सुनिए मेरे सवाल। ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड जीतने वाला पहला भारतीय कौन था? ओलंपिक के कौन से खेल में भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं? ओलंपिक में किस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा पदक जीते हैं? साथियो, आप मुझे जवाब भेजें न भेजें, पर MyGov में ओलंपिक पर जो क्विज है, उसमें प्रश्नों के उत्तर देंगे तो कई सारे इनाम जीतेंगे। ऐसे बहुत सारे प्रश्न MyGov के ‘रोड टू टोक्यो क्विज’ में हैं।