न्यूज़ डेस्क। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अपने अखड़पन से एक बार फिर साबित कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी के साथ उसकी सांठगांठ है। वह कांग्रेस पार्टी के एक नया अभियान बन कर उभरा है। कांग्रेस की सह पर तो उसने भारत का नया डिजिटल नियम मानने में अभी तक टाल मटोल दिखा रहा है। जबकि अधिकांश सोशल नेटवर्किंग साइटों ने गुरुवार से देश के नए डिजिटल नियमों का पालन करना शुरू कर दिया है। वह चाहे गूगल हो, फेसबुक हो या फिर व्हॉट्सएप हो सभी ने नए डिजिटल नियमों के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से ब्योरा साझा किया है। लेकिन ट्विटर है कि भारत में रहकर वहां के नियम मानने से टाल मटोल कर रहा है।
ट्वीटर ने साझा नहीं किया ब्योरा
गुरुवार को भारत सरकार की सख्ती के बाद माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल साइट्स जैसे कू, शेयरचैट, टेलीग्राम, लिंक्डइन, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि ने नए नियमों की आवश्यकता के अनुसार मंत्रालय के साथ अपना विवरण साझा किया है, लेकिन ट्विटर ने अभी तक मुख्य अनुपालन अधिकारी का विवरण तक नहीं भेजा है। वहीं भारत सरकार ने एक बार स्पष्ट कर दिया है कि किसी को भी अगर भारत रहना है तो यहां के कायदे कानून का पालन करते हुए रहना होगा।
देश की छवि को आघात पहुंचा रहा ट्विटर
ट्विटर की मनमानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर देश की छवि को आघात पहुंचा रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि वह देश की छवि को दुनिया में खराब करने के लिए अनर्गल आरोप लगा रही है। वह दुनिया के सबसे बड़े और सफल लोकतंत्र पर अपनी शर्त थोपने का नापाक प्रयास कर रहा है।
अपने कर्मचारी की जगह वकील को किया नियुक्त
गौरतलब है कि नए नियमों के तहत आईटी मंत्रालय के साथ ब्योरा साझा किए जाने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया कंपनी का कर्मचारी होना चाहिए, और भारत में कार्यरत होना चाहिए। भारत सरकार की सख्ती के बाद ज्यादातर बड़े सोशल मीडिया मंचों ने मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी का ब्योरा आईटी मंत्रालय के साथ साझ किया है लेकिन ट्वटिटर ने ऐसा नहीं किया है। उसने मंत्रालय को जिस व्यक्ति का ब्योरा भेजा है वह उसका कर्मचारी नहीं है बल्कि एक कंपनी का वकील है।