भोपाल (Bns)। चुनावी नतीजे घोषित होने के कई दिन बीत जाने के बाद आखिरकार सोमवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद का फैसला हो गया। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) होंगे। भोपाल में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सभी विधायकों की हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री पद पर सहमति बनी। मालूम हो कि मोहन यादव (Who is Mohan Yadav) उज्जैन दक्षिण से हैं पार्टी के विधायक हैं। मालूम हो कि मोहन यादव शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। बता दें कि मोहन यावद तीसरी बार ही विधायक बने हैं। वहीं, केद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है।
13 हजार से अधिक वोट की ये जीत पूरी विनम्रता के साथ मेरे क्षेत्र के हर व्यक्ति को, हर लाड़ली बहना को, भाजपा के हर देवतुल्य कार्यकर्ता को और भाजपा के संगठन को समर्पित है।
असीम स्नेह, अपार प्रेम और आशीर्वाद देने के लिए सभी का शुक्रिया, धन्यवाद, आभार।आपका अपना
डॉ मोहन यादव… pic.twitter.com/Yeyiea2QTW— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) December 3, 2023
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत BJP के तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों की बैठक में हिस्सा लेने और राज्य के अगले मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए सोमवार को भोपाल पहुंचे थे। BJP ने 17 नवंबर के चुनाव के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीटें जीतीं और मध्यप्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।
मध्य प्रदेश भाजपा विधायक दल की बैठक में डॉ. @DrMohanYadav51 को राज्य का मुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/ioSzIJnKaj
— BJP (@BJP4India) December 11, 2023
पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर, OBC मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा विशेष विमान से भोपाल पहुंचे थे। भोपाल एयरपोर्ट पर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। मालूम हो कि मध्यप्रदेश में BJP दो दशक में 5वीं बार सरकार बनाने जा रही है। इससे पहले वह 2003, 2008, 2013 और 2020 में राज्य में सत्ता में आई थी।
साल 2004 के बाद यह तीसरा मौका था जब BJP ने मध्यप्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं। अगस्त 2004 में, जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था। नवंबर 2005 में, जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था। उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था। इस बार BJP ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा। चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
विष्णु देव साय बनाए गए छत्तसीगढ़ के CM
एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सीएम का ऐलान किया। राज्य के एक प्रमुख आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुना गया। BJP के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज्य मुख्यालय में 54 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान साय (59) को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। साय राज्य के चौथे मुख्यमंत्री होंगे। उनके पूर्ववर्तियों में 2000 से 2003 तक अजीत जोगी (कांग्रेस), 2003 से 2018 तक रमन सिंह (BJP) और 2018 से दिसंबर 2023 तक भूपेश बघेल (कांग्रेस) शामिल हैं। बघेल ने साय को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई दी है ।
मेरे अनुज समान डॉ मोहन यादव जी को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त होने पर ह्रदय से शुभकामना , महाकाल का आशीर्वाद आपको उन्नति प्रदान करे ।@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/tclt52lsf8
— Om Prakash (Om Ji ) Mathur(Modi Ka Parivar) (@OmMathur_bjp) December 11, 2023