न्यूज़ डेस्क। कोरोना संकट में लॉक डाउन के बीच हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर दिया था। उन्होंने अपने संबोधन में देशवासियों से अपील की थी कि वे लोकल चीजों का ज्यादा प्रयोग करें। कुल मिलाकर देशवासियों को उनका एक ही संदेश था कि अब से नागरिकों को ना सिर्फ देश में बने सामानों का उपयोग करना है, बल्कि उसे प्रोमोट भी करना है। इसी बीच लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच टकराव ने इस पहल को और गति दी है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cat) ने खुलकर चीनी सामानों के बहिष्कार और 10 जून से एक बड़ा अभियान शुरू करने का फैसला लिया है।
2021 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये का आयात कम करने का लक्ष्य
चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर कैट का शुरू होने वाला अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहन देने में मददगार होगा। कैट(Cat) की ओर से कहा गया है कि हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2021 तक चीनी सामानों के भारत द्वारा आयात में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए कम कर दिए जाएं।
कैट (Cat) ने 3 हजार उत्पादों की बनायी सूची
कैट ने चीन से आयात होने वाले लगभग 3 हजार उत्पादों की ऐसी सूची बनाई है, जिन वस्तुओं के आयात न होने से भारत को कोई अंतर नहीं पड़ेगा और वह सारी वस्तुएं भारत में पहले से ही बन रही है।
‘लोकल फॉर वोकल’ को प्रोत्साहन
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की इस अभियान के अंतर्गत जहां कैट व्यापारियों को चीनी वस्तुएं न बेचे जाने के लिए आग्रह करेगा, वहीं देश के लोगों से चीनी वस्तुओं के स्थान पर स्वदेशी उत्पादों को इस्तेमाल में लाने का आग्रह करेगा। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने बताया कि PM मोदी के आह्वान ‘लोकल पर वोकल’ को सफल बनाने में कैट एक अहम भूमिका निभाएगा।
व्यापारियों और नागरिकों ने लिया संकल्प
कैट का कहना है चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर भारत के व्यापारी और नागरिक संकल्प ले चुके हैं। यह काम एक रात में नहीं होगा लेकिन हम इसकी शुरुआत करेंगे और अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे।
चीन से 6 अरब डॉलर का आयात घटा
इन पहलों के परिणामस्वरूप, 2017-18 में चीन से आयात 76 अरब डॉलर से घटकर वर्तमान में 70 अरब डॉलर हो गया है। खंडेलवाल ने कहा कि यह 6 अरब डॉलर का आयात गिरावट स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग और उपभोक्ता भावनाओं को बदलने की कहानी बताता है।
सोनम वांगचुक ने की थी चीन सामान के बहिष्कार की पहल
कुछ दिन पहले सोनम वांगचुक ने यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने बताया कि चीन को आईना दिखाने के लिए क्या किया जा सकता है। उनके हिसाब से इसके दो तरीके हैं- एक तो सेना की तैनाती और दूसरा भारतीयों की ओर से चीनी सामान का बहिष्कार। सोनम वांगचुक के इस वीडियो को लोगों ने समर्थन देते हुए सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया था।
HELP ME CHANGE CHINA!
Appealing global community to…#BoycottMadeInChina#BoycottChineseProductsMy new video in English:https://t.co/PLCc2zCTBH
Do please share widely with your friends around the world! pic.twitter.com/mbpJNFvSbD
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) June 7, 2020
इससे पहले देश की बड़ी कन्ज्यूमर कंपनियां अपने संकेत दिया कि वे सभी ऐडवर्टाइजिंग और मार्केटिंग कैंपेन में ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर बढ़ा रही हैं। ITC, पारले प्रॉडक्ट्स, अमूल, डाबर, बिसलरी, गोदरेज, मैरिको और वोल्टास जैसी कंपनियों ने इस दिशा में कदम उठाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में 12 मई को राष्ट्र को संबोधित किया था।
CAPF कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की होगी बिक्री
प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद गृहमंत्रालय ने ऐलान किया कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीनों और स्टोरों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। गृह मंत्रालय के ऐलान के बाद 1 जून, 2020 से देशभर की सभी CAPF कैंटीनों पर यह बदलाव लागू हो गया। आपको बता दें कि सीएपीएफ की कैंटीनों में कुल खरीद लगभग 2,800 करोड़ रुपये की है। इस फैसले के बाद लगभग 10 लाख CAPF कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करेंगे।