IMD Alert : 14 से 19 जनवरी तक पड़ेगी कड़ाके की ठंड, बढ़ेगी शीतलहर और छाया रहेगा घना कोहरा, मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी

न्यूज़ डेस्क। पहले से ही कड़ाके की ठंड झेल रहे उत्तर भारत के लोगों के लिए और बुरी खबर आ रही है क्योंकि इस क्षेत्र के बड़े इलाकों में तापमान में न्यूनतम -4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार मैदानी इलाकों में भीषण ठंड और शीतलहर जारी रहेगा। मौसम विशेषज्ञ के एक ट्वीट के अनुसार, 14 से 19 जनवरी के बीच बर्फीली, भीषण ठंड की शुरुआत होगी और 16 से 18 जनवरी तक इसके चरम पर रहने की संभावना है।

पहले स ही जम्मू और कश्मीर, जो वास्तव में एक कठोर सर्दियों में बर्फ से ढका हुआ है, को ठंड के दौर से कोई राहत नहीं मिलेगी, यहां तापमान न्यूनतम -6 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की भविष्यवाणी की गई है।

वहीं, पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश, इस सप्ताह के दौरान भीषण शीतलहर की चपेट में रहेंगे, यहां का न्यूनतम तापमान 0 से 4 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।

मौसम विशेषज्ञ ने अपने पोस्ट को टैग करते हुए ट्वीट किया है कि ” इस एक सप्ताह में उत्तरी मैदानी इलाकों में शीत लहर कैसे चलेगी, यह नहीं पता, लेकिन भारत में शीत लहर का आगामी दौर 14-19 जनवरी 2023 के दौरान वास्तव में चरम पर रहने की संभावना है, खासकर 16 से 18 जनवरी को यह चरम पर रहेगा। मौसम विशेषज्ञ ने कहा कि अपने अबतक के कैरियर में मैंने इस समय में पूर्वानुमान मॉडल में तापमान इतना कम कभी नहीं देखा है। मैदानी इलाकों में बर्फ़ीली -4°c से +2°c, वाह!”

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से चल रही तेज हवाओं के कारण पिछले कुछ दिनों में उत्तर भारत में कोहरे की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन मौसम विशेषज्ञ के अनुसार यह राहत ज्यादा देर तक नहीं रहेगी, क्योंकि कड़ाके की ठंड पड़ रही है और कोहरा भी जल्द ही लौटेगा।

पिछले कुछ दिनों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और वेस्ट यूपी में कोहरे की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। अमृतसर में दृश्यता 11 जनवरी को 25 मीटर से बढ़कर 12 जनवरी को 450 मीटर हो गई है। इसी तरह, बठिंडा में दृश्यता 12 जनवरी को 0 से बढ़कर 200 मीटर हो गई है। चंडीगढ़ में दृश्यता 25 मीटर के निचले स्तर से बढ़कर 400 मीटर हो गई है।

वहीं, हिसार और अंबाला में दृश्यता बढ़कर 1000 मीटर तक पहुंच गई, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में पालम और सफदरजंग में दृश्यता बढ़कर 800 मीटर हो गई है।

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