रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक नई राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राज्यपाल संतोष गंगवार ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।वह राज्य के 24 वर्षों के अब तक के इतिहास में चार बार सीएम पद की शपथ लेने वाले पहले राजनेता बन गए है। इसके पहले उनके पिता शिबू सोरेन और भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन मुंडा तीन-तीन बार सीएम की कुर्सी पर बैठ चुके हैं।
शपथ ग्रहण समारोह इंडिया ब्लॉक के शक्ति प्रदर्शन का मंच बन गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, मेघालय के मुख्यमंत्री कोराड कोंगकल संगमा, पंजाब के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य समेत कई बड़े नेता मौजूद है।
हेमंत सोरेन ने पहली बार 13 जुलाई 2013 को झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन के सहयोग से बनी सरकार में सीएम पद की शपथ ली थी। इस सरकार का कार्यकाल 23 दिसम्बर 2014 तक था। दूसरी बार उन्होंने 29 दिसम्बर 2019 को शपथ ली थी। 31 जनवरी 2024 को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
जमानत पर बाहर आने के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी। हेमंत सोरेन का नाम झारखंड के ऐसे पहले सीएम के तौर पर दर्ज हो रहा है, जिन्होंने लगातार दूसरी बार सरकार में वापसी की है।
इसके पहले यहां कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुई है। हेमंत सोरेन झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने वाले पहले सीएम बनने जा रहे हैं। उनके नेतृत्व वाले गठबंधन को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
झारखंड में सीएम की कुर्सी पर सबसे अधिक 2210 दिनों तक बैठने का रिकॉर्ड अर्जुन मुंडा के नाम है। उनके बाद हेमंत सोरेन ने सीएम के तौर पर अब तक 2169 दिन का कार्यकाल व्यतीत किया है।
चौथी पारी में सीएम के तौर पर 40 दिन गुजरते ही वह इस कुर्सी पर सबसे अधिक समय तक बैठने वाले नेता बन जाएंगे. हेमंत सोरेन के नाम एक रिकॉर्ड इस मायने में भी बन रहा है कि वह राज्य के पहले सीएम हैं, जिनकी पत्नी कल्पना सोरेन बतौर विधायक विधानसभा में विश्वासमत के दौरान सरकार के पक्ष में मतदान करेंगी।