नई दिल्ली। देश में कोरोना की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। पिछले चार दिनों से नए संक्रमण की वृद्धि दर में गिरावट का रुझान है। रविवार और सोमवार को यह 12.5 फीसदी पर स्थिर रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरे देशों के अनुभवों के आधार पर यह संभावना है कि आने वाले दिनों में धीरे-धीरे आंकड़ों में स्थिरता आएगी, लेकिन नए मामलों की संख्या बढ़ेगी। आठ से दस दिनों के बाद नए संक्रमणों में वास्तविक कमी का रुझान नजर आ सकता है।
देश में 28 दिसंबर को कोरोना के दैनिक संक्रमण न्यूनतम स्तर पर थे और उस दिन 6358 नए मामले दर्ज किए गए थे। लेकिन, 29 को यह बढ़कर 9195 हुए और इसमें 45 फीसदी की वृद्धि हुई। 30 को नए संक्रमण 13154 दर्ज किए गए, जो 29 दिसंबर की तुलना में 43 फीसदी बढ़े। 31 दिसंबर को 28, 1 जनवरी को 36, 2 जनवरी को 21, 3 जनवरी को 22.5, 4 जनवरी को 10, 5 जनवरी को 55 तथा छह जनवरी को रिकॉर्ड 56.5 फीसदी दैनिक संक्रमण बढ़ा। तब नए संक्रमण 58097 से बढ़कर 90928 हो गए थे। यह तीसरी लहर में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 7 जनवरी को नए संक्रमण में 29 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि संक्रमण 90928 से बढ़कर 117100 हो गए। 8 जनवरी को यह 141986 हो गए और वृद्धि 21 फीसदी की रही। जबकि 9 जनवरी को नए संक्रमण 159632 तथा 10 जनवरी को 179723 रहे। दोनों दिन वृद्धि दर 12.5 फीसदी के करीब रही।
इस बीच मुंबई में पिछले दो दिनों के दौरान नए संक्रमणों में कमी का रुझान है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए हमें सात दिनों के औसत आंकड़ों का विश्लेषण करना होगा। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी होने और फिर तेजी से गिरावट होने की संभावना व्यक्त की है। साथ ही यह भी आशंका जताई गई है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की पीक को भी पार कर सकती है। पहली लहर की पीक पहले ही पार हो चुकी है।
वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी विभाग के निदेशक प्रोफेसर जुगल किशोर ने कहा कि कोरोना केसों में बढ़ोतरी की तेज रफ्तार कम हुई है। यह आने वाले दिनों के लिए अच्छा संकेत है। यदि यह दर स्थिर रहती है तो कुछ दिनों के बाद इसमें गिरावट भी शुरू हो जाएगी और नए संक्रमणों में वास्तविक कमी आएगी।