Delhi Services Bill : राज्यसभा में हुआ पास, पक्ष में पड़े 131 वोट, गृह मंत्री अमित शाह ने बताया क्यों है यह जरूरी- खास बातें, देखें VIDEO….

नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक पारित हो गया। इसके साथ ही विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है।राज्यसभा ने सात घंटे से अधिक समय तक चर्चा के बाद ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को 102 के मुकाबले 131 मतो से मंजूरी दी। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा ने कहा कि दिल्ली से जुड़े विधेयक का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से संबंधित विधेयक किसी भी तरह से उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन नहीं करता है। शाह ने कहा कि दिल्ली में 2015 से पहले भाजपा और कांग्रेस की सरकारें थी, लेकिन केंद्र के साथ कभी टकराव की नौबत नहीं आई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन कर दिल्ली के लिए सेवाओं सहित सभी विषयों पर कानून बनाने की संसद को शक्ति दी।

अमित शाह ने कहा कि दिल्ली से संबंधित विधेयक आपातकाल लगाने या लोगों के अधिकार छीनने के लिए नहीं लाया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। हम यह विधेयक दिल्ली के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लाए हैं।

*दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य अभिषेक सिंघवी ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिए दिल्ली में ‘‘सुपर सीएम’’ बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए इसे प्रतिगामी बताया जो पूरी तरह से असंवैधानिक है। सिंघवी ने कहा कि यह सरकार किसी न किसी तरह दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना चाहती है।

* भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए विधेयक का बचाव किया। उन्होंने दिल्ली की आप सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है तथा संसद को दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का पूरा अधिकार है।

* आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा ‘‘यह विधेयक एक राजनैतिक धोखा है, यह संवैधानिक पाप है और यह दिल्ली में प्रशासनिक गतिरोध पैदा करने के लिए है।’’ चड्ढा ने कहा कि यह विधेयक संविधान और लोकतंत्र का ही अपमान नहीं है बल्कि यह लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, मदन लाल खुराना, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज का भी अपमान है जिन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संघर्ष किया। आप सदस्य ने कहा ‘‘आप नेहरूवादी मत बनिये, आप आडवाणीवादी, वाजपेयीवादी बनिये और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दीजिये।’’

* बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है और संविधान के अनुच्छेद 239 एए में संसद को दिल्ली के बारे में कानून बनाने का पूरा अधिकार दिया गया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजय साई रेड्डी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने साफ कहा है कि संसद के पास कानून बनाने की स्थापित शक्ति है।

*राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार से पूछा कि वह इतनी सारी सत्ता लेकर क्या करेगी? उन्होंने कहा कि निरपेक्ष रहने की बात की जाती है किंतु जब चूहे की पूंछ पर हाथी का पांव पड़ जाए तो चूहे से निरपेक्षता की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

*राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मामला विचाराधीन नहीं है और जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है। लेकिन संसद में जिस पर बहस हो रही है वह कानून की वैधता है। पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा”…मेरे लिए बिल सही है, ठीक है…।”

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