CAA-कांग्रेस और राहुल पर संसद में PM मोदी जमकर हमला, कहा- आपके लिए जो मुस्लिम, वो हमारे लिए हिंदुस्तानी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कांग्रेस पर जमकर हमला किया। CAA पर जारी विरोध के बीच मोदी ने कांग्रेस से कहा कि हमें याद दिलाया जा रहा है कि क्विट इंडिया और जय हिंद का नारा देने वाले हमारे मुस्लिम ही थे। दिक्कत यही है कि कांग्रेस की नजर में ये लोग हमेशा ही सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम थे। लेकिन हमारे लिए, हमारी नजर में वो भारतीय हैं, हिंदुस्तानी हैं। देश ने देख लिया है कि दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन है। जब बात निकली है तो दूर तलक जानी चाहिए। किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान में लकीर खींची गई और हिंदुस्तान का बंटवारा कर दिया गया।

CAA पर बोलेते हुए PM ने कहा कि इतने दशकों के बाद भी पाकिस्तान की सोच नहीं बदली है, वहां आज भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण ननकाना साहिब में देखने को मिला। ये केवल हिंदू और सिखों के साथ नहीं बल्कि वहां अन्य जो अल्पसंख्यक हैं, उनके साथ भी यही हो रहा है। 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ, जो भारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए हुआ। इस समझौते में धार्मिक अल्पसंख्यकों का जिक्र हुआ था। उन्होंने पूछा कि नेहरू जी इनते बड़े विचारक थे, फिर उन्होंने उस समय वहां के अल्पसंख्यकों की जगह, वहां के सारे नागरिक को समझौते में शामिल क्यों नहीं किया? जो बात हम आज बता रहे हैं, वही बात नेहरू जी की भी थी। कांग्रेस की दिक्कत ये हैं कि वो बाते करती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक उन वादों को टालती रहती है। आज हमारी सरकार अपने राष्ट्र निर्माताओं की भावनाओं पर चलते हुए फैसले ले रही है, तो इनकों दिक्कत हो रही है।

श्री मोदी ने कहा कि मैं फिर से इस सदन के माध्यम से बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट कहना चाहता हूं कि CAA से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। चाहे वो मुस्लिम हो, हिंदू हो, सिख हो या अन्य किसी धर्म को मानने वाला हो। पाकिस्तान के हालात को देखते हुए गांधी जी के साथ ही नेहरू जी की भावनाएं भी जुड़ी थी। सभी लोग इस तरह के कानून की बात कहते रहे हैं। उन्होंने पूछा क्या पंडित नेहरू कम्युनल थे? क्या हिन्दू-मस्लिम में भेद करते थे? क्या वो हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे? कांग्रेस की दिक्कत ये है कि वो बातें बनाती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक वादों का टालती है। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं जो अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहते हैं। क्या कांग्रेस को 1984 के दिल्ली के सिख विरोधी दंगे याद नहीं, क्या वो अल्पसंख्यक नहीं थे? हमारे सिख भाइयों के गले में टायर बांध बांध कर जला दिया गया था। इतना ही नहीं उन दंगों के आरोपियों को जेल में तो नहीं भेजा अपितु उन दंगों को भड़काने का आरोप जिन पर लगा था, उनको एक राज्य का मुख्यमंत्री बना देते हो।

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