कोलकाता। फिल्म ‘डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्माता और निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में कोलकाता पुलिस ने कहा कि फिल्म के ‘ट्रेलर’ से विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा मिलता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एमहर्स्ट पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और निर्देशक सनोज मिश्रा को कानूनी नोटिस भेजकर उन्हें 30 मई को मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 120बी/153ए/501/504/505/295ए के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66डी/84बी और सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 की धारा सात के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। फिल्म निर्देशक को एक कानूनी नोटिस भेजा गया है।’’
पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘‘जांच जारी है और हमने उन्हें (मिश्रा) 30 मई को एमहर्स्ट पुलिस थाने में पेश होने के लिए समन भेजा है।’’ आईपीसी की धारा 120बी आपराधिक साजिश, 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 501 (मानहानिकारक), 504 (जानबूझकर अपमान), 505 (शरारतपूर्ण कृत्य) 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) से संबंधित है।
फिल्म के ‘ट्रेलर’ में पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या और कट्टरपंथी बांग्लादेशियों के प्रवास और बसने तथा सांप्रदायिक गड़बड़ी की बात की गई है। मिश्रा फिल्म के लेखक भी हैं। जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने दावा किया कि उनकी फिल्म पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आधारित नहीं है। कोलकाता पुलिस से नोटिस मिलने पर मिश्रा ने कहा कि वह कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं और जल्द ही शहर पहुंचेंगे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्य प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने बातचीत में दावा किया कि यह फिल्म उन लोगों द्वारा बनाई गई है जो ‘‘धर्म के आधार पर लोगों को बांटने, नफरत का झूठा विमर्श फैलाने और पश्चिम बंगाल में मौजूद सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द को बिगाड़ने’’ के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने हालांकि बातचीत में दावा किया कि प्राथमिकी दर्ज करना ‘‘दिखाता है कि ममता बनर्जी सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई सार्वजनिक रूप से सामने आये।’’
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