मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात की और अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा। राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना के उस दावे को गलत बताया, जिसमें ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने की बात कही गई थी। फडणवीस ने कहा कि मेरे सामने कभी ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की कोई बात नहीं हुई थी।
Interaction of Hon Shri @Dev_Fadnavis with media in Mumbaihttps://t.co/Y7cPVWjKD9
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) November 8, 2019
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने महाराष्ट्र की जनता का आभार जताया। इस मौके पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि पिछले 5 सालों में किसानों के हित के लिए काम किया। श्री फडणवीस ने कहा कि हमने बाला साहेब और उद्धव ठाकरे के बारे में कभी गलत बात नहीं कही, मगर हमारे नेता और PM नरेंद्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा गया। सरकार ना बनाना जनादेश का अपमान है। महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार गठन पर कोई सहमति नहीं बनी है।
When we were at Raj Bhavan earlier today, to submit my resignation to Hon’ble Governor @BSKoshyari ji. pic.twitter.com/Xq1QcxSQVr
— Devendra Fadnavis (Modi Ka Parivar) (@Dev_Fadnavis) November 8, 2019
भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर रस्साकशी के कारण उनके पास संयुक्त रूप से 161 विधायकों के साथ बहुमत से अधिक का आंकड़ा होने के बावजूद सरकार गठन पर गतिरोध बना हुआ है।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में बहुमत का आंकड़ा 145 है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीट, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीट जीती है।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार गठन पर गतिरोध जारी रहने के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को पूछा कि राज्यपाल सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित क्यों नहीं कर रहे हैं।
इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर फडणवीस पर पलटवार किया। श्री ठाकरे ने कहा कि हमने हमेशा लोगों की आवाज उठाई है। हम सरकार का हिस्सा होने के बाद भी उनसे सवाल पूछते थे, इसलिए लोगों ने हमारा समर्थन किया। फडणवीस ने शाह का हवाला देकर 2.5 साल के CM की बात होने से इनकार किया, जनता को पता है कौन झूठ बोल रहा है। पदों और मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 पर सहमति बनी थी। मुझे इस पर सफाई देने की जरूरत नहीं। मैंने उनका समर्थन इसलिए किया था क्योंकि फडणवीस मेरे अच्छे मित्र हैं। मोदीजी पर टिप्पणी की बात कही गई, मैंने मोदीजी पर कोई टिप्पणी नहीं की। मोदीजी पर टिप्पणी की ही बात है तो दुष्यंत चौटाला ने काफी कुछ कहा है।
मी शिवसेनाप्रमुखांना वचन दिलं आहे की मी महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्रीपदावर शिवसेनेचा माणूस मुख्यमंत्री म्हणून बसलेला दाखवीन आणि ते मी पाळणार म्हणजे पाळणारच. त्याच्यासाठी मला अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस यांच्या मदतीची किंवा त्यांच्या आशीर्वादाची गरज नाही !
— Uddhav Thackeray (@uddhavthackeray) November 8, 2019
उद्धव ने कहा कि उन्होंने अपने पिता को वचन दिया था कि एक दिन शिवसेना का CM होगा। जो जुबान दिया है उसे पूरा करेंगे। अगर भाजपा के साथ नहीं तो किसी और के साथ मिलकर पूरा करेंगे। मैंने अमित शाह से तभी कह दिया था कि मैंने बाला साहेब को वचन दिया है कि एक दिन शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाऊंगा। यह वादा पूरा करूंगा। अगर आप साथ रहे तो ठीक नहीं तो बीजेपी के बिना भी।
इससे पहले फडणवीस ने राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपने के बाद कहा कि मेरे पास अच्छी खबर है। मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। मुझे महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला। मैं महाराष्ट्र, मोदी, शाह, नड्डा और हमारे सभी नेताओं का शुक्रगुजार हूं। महाराष्ट्र में हमें लोकसभा चुनावों के दौरान एक बड़ा जनादेश मिला और यहां तक कि विधानसभा में भी हमें सहयोगी के रूप में चुनावों का सामना करना पड़ा…महायुति (महागठबंधन) को स्पष्ट जनादेश मिला।
हम 160 से ज्यादा सीट जीतने में सफल रहे। भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हमारा शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ था। मेरे सामने कभी भी ऐसी नहीं हुई। मैंने खुद फोन कर उद्धव ठाकरे से बात की थी। उद्धव के करीबी लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं। जब चुनाव साथ मिलकर लड़े थे तो फिरNCP से चर्चा क्यों की जा रही है।
फडणवीस ने शिवसेना सिर्फ CM पद को लेकर बात करना चाहती है। मेरे उद्धवजी से बहुत अच्छे संबंध हैं। शिवसेना ने हमसे चर्चा करने के बजाय NCP और कांग्रेस से चर्चा की। मुझे लगता है कि नतीजे आने के बाद ही शिवसेना ने तय कर लिया था कि वह एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी। नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना के कुछ नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, हम उससे सख्त भाषा में जवाब दे सकते हैं लेकिन हमारी संस्कृति यह नहीं है।
हम बाला साहब ठाकरे के खिलाफ कभी सोच भी नहीं सकते। यहां तक कि मोदीजी ने भी कभी उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी की गई फिर भी हमने कभी कुछ नहीं कहा। इससे हमें बहुत दुख हुआ है। राज्यपाल ने मुझसे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है। जब भी सरकार बनेगी, वह भाजपा के नेतृत्व में ही बनेगी। खरीद-फरोख्त के आरोप पर फडणवीस ने कहा कि साबित करके दिखाएं।