रायपुर। राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों (पॉलिटेक्निक और आई.टी.आई.) को टेक्नोलॉजिकल हब के रूप में विकसित करने और कृषि अनुसंधान व नवाचार केंद्रो के अपग्रेडेशन करने के लिए आज मुख्यमंत्री निवास में राज्य योजना आयोग और टाटा टेक्नोलॉजी पुणे के मध्य मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि भविष्य में प्रौद्योगिकी पर आधारित अर्थव्यवस्था के विस्तार की संभावना है और यह जरूरी है कि राज्य के युवाओं को आधुनिकतम तकनीकों से लैस किया जाए ताकि वे रोजगार और स्वरोजगार के लिए तैयार हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा टेक्नोलाजी के साथ ये एमओयू छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास में तेजी लाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों की मांग के अनुरूप युवाओं की शिक्षा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के साथ ही युवाओं को प्रशिक्षण भी देना चाहिए ताकि राज्य में रोजगारोन्मुखी मानव संसाधन तैयार हों, देश और दुनिया को कुशलतम मानव संसाधन मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा टेक्नालाजी लिमिटेड, पुणे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त संस्था है जो अपनी सेवाओं और अनुभव का लाभ अन्य राज्यों में भी दे रही है। इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य को भी प्राप्त हुआ। जिसकी उपयोगिता को देखते हुए राज्य योजना आयोग व टाटा टेक्नोलॉजी के मध्य आज एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किया जा रहा है। इससे राज्य में रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी।
इस मौके पर राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि टाटा टेक्नालाजी द्वारा आगामी तीन वर्षों तक राज्य योजना आयोग के सहयोग से संबंधित विभागों के माध्यम से शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों को अपनी सेवायें उपलब्ध कराई जाएगी । इसके लिए राज्य योजना आयोग में एक ‘स्ट्रेटजी एण्ड पॉलिसी असिस्टेंस यूनिट’ का गठन कर समन्वय का कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में टाटा टेक्नोलाजी पुणे के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट पी.वी.कौलगुड ने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 23 तकनीकी शार्ट टर्म कोर्सेस की शुरूआत की जाएगी। श्री कौलगुड ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वो छत्तीसगढ़ राज्य में अपनी सेवाएं देंगे। कार्यक्रम के अंत में राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव अनुप कुमार श्रीवास्तव ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल, विशेष सचिव वाणिज्य व उद्योग विभाग हिमशिखर गुप्ता, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सड़क विकास निगम सारांश मित्तर समेत संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।