रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पेसा कानून में ग्रामसभा को दिए गए अधिकारों की जानकारी देने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री आज कांकेर जिले के तहसील मुख्यालय चारामा में विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित सामाजिक समरसता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर 40 करोड़ 05 लाख रूपये के 126 विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया गया। इनमें 18 करोड़ 13 लाख रूपये के 98 कार्यों का भूमिपूजन तथा 21 करोड़ 92 लाख रूपये के 28 कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामाजिक समरसता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासी समाज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है, इसी दिन महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो नारा दिया था। कांकेर जिले के अमर शहीद गेंदसिंह, इन्दरू केंवट, पातर हल्बा ने भी आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया है। भारतीय संविधान के निर्माण में भी ठाकुर रामप्रसाद पोटाई की भूमिका रही है। आज हम स्वतंत्र हैं, आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह आजादी हमें हमारे पुरखों के त्याग और बलिदान से मिली है। देश के निर्माण में हमारे पुरखों का योगदान है, एक-एक व्यक्ति ने देश के नवनिर्माण में अपनी भूमिका निभाई है। हमें सचेत रहकर संविधान का पालन करते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्हांेने कहा कि संविधान के तहत् हमें अधिकार दिये गये हैं। हम सब संविधान के तहत ही संचालित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेसा कानून का नियम बना दिया गया है, जिसे गजट में प्रकाशित किया जा चुका है। इस कानून में ग्रामसभा को ताकत दी गई है, गांव के सभी व्यक्ति मिलकर ग्राम हित में फैसला लेंगे। इस कानून से किसी व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला वर्ग सभी अधिकार दिये गये हैं, सब मिलकर लोगों के हित में फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि पेसा कानून नियम में ग्रामसभा को दिये गये अधिकार की जानकारी देने एवं जनजागरूकता के लिए जनजागरण अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार से लेकर संस्कृति के संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रही है। हमारी बोली, भाषा, संस्कृति पर हमें गर्व है, आदिवासी संस्कृति को बचाये रखने के लिए देवगुड़ी, घोटुल निर्माण किया जा रहा है। कांकेर जिले में 05 करोड़ 94 लाख रूपये के 118 देवगुड़ी तथा 06 करोड़ 34 लाख रूपये के 91 घोटुल स्वीकृत किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं, जिसकी मांग बहुत बढ़ गई है, प्रदेश मंे 279 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गये हैं। कांकेर जिले में नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है। किसानों के कर्ज माफ किये गये। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को इन्पुट सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत् द्वितीय किस्त की राशि आगामी 20 अगस्त को जारी कर दी जायेगी। सरकार द्वारा ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को हर साल 07 हजार रूपये की सहायता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्ग के हित में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चारामा विकासखण्ड के ग्राम जेपरा के बांधापारा में 300 मीटर सीसी रोड निर्माण के लिए 06 लाख रूपये एवं दो किलोमीटर डब्ल्यू बीएम सड़क के लिए 20 लाख रूपये तथा जेपरा के खासपारा में 300 मीटर सीसी रोड निर्माण के लिए 06 लाख रूपये एवं बरकछार के जुर्रीपारा में 300 मीटर सीसी रोड निर्माण के लिए 06 लाख रूपये, चारामा विकासखण्ड के ग्राम कसावाही, सराधुनवागांव एवं लखनपुरी के गौठान को मल्टी एक्टीविटी केन्द्र के रूप में विकसित करने 20 लाख रूपये, भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम चिल्हाटी के गौठान में मिलेट प्रसंस्करण-(कोदो, कुटकी, रागी) प्रसंस्करण एवं लेयर फार्मिंग के लिए 13 लाख रूपये और दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के लोहत्तर गौठान में कृषि यंत्र सेवा केन्द्र तथा मल्टी एक्टीविटी हेतु 17 लाख रूपये स्वीकृत करने की घोषणा की।
कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मण्डावी, संसदीय सचिव एवं कांकेर विधानसभा के विधायक शिशुपाल शोरी, गौ-सेवा आयोग के सदस्य नरेन्द्र यादव, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्षजीवन ठाकुर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के सदस्य नरेश ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत धु्रव, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य बीरेश ठाकुर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष हेमनारायण गजबल्ला, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सुभद्रा सलाम, कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., कलेक्टर कांकेर डॉ. प्रियंका शुक्ला, पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा सहित आदिवासी समाज प्रमुख, प्रशासन के अधिकारी एवं नागरिकगण बड़ी संख्या में मौजूद थे।