वर्धा से आए प्रतिनिधि मण्डल ने गरियाबंद में नरवा विकास, वन धन औषधि का काम देखा और सराहा

रायपुर। राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना की सफलता का अवलोकन-अध्ययन करने छत्तीसगढ़ के भ्रमण पर आए महाराष्ट्र के वर्धा जिले के संयुक्त प्रतिनिधि मण्डल ने गौठानों का अवलोकन करने के साथ-साथ आज गरियाबंद जिले में नरवा विकास के काम का अवलोकन किया। वर्धा से आए संयुक्त प्रतिनिधि मण्डल में कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील कृषक, चिकित्सक, शिक्षक, अधिवक्ता और मीडिया के लोग शामिल हैं। प्रतिनिधि मण्डल ने गरियाबंद वनमंडल के बंेदकुरा पंचायत अंतर्गत बासीखाई नाला में कैम्पा मद से कराए जा रहे नरवा विकास कार्याें का अवलोकन किया तथा जल संरक्षण के इस प्रयास की सराहना की।

संयुक्त प्रतिनिधि मण्डल को इस मौके पर वन विभाग द्वारा बनाये गये डी.पी.आर. की पद्धति पर विस्तार रूप से विस्तार से जानकारी दी गई। रिज-टू-वेली के सिद्धांत के अनुसार एवं कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट को प्राथमिकता के आधार पर, भुवन के माध्यम से विभिन्न जी.आई.एस. लेयर की मदद से डी.पी.आर. तैयार किया गया है। डी.पी.आर. में छोटे स्ट्रक्चर को विशेष रूप से प्राथमिकता दी गई और फील्ड में टीम के द्वारा मौका सत्यापन के उपरान्त डी.पी.आर को फाइनल किया गया है। बासीखाई नाला में निर्माणाधीन ब्रशवुड चेकडेम, लूज बोल्डर, कंटूर ट्रेंच, चेकडेम, गलीप्लग, गेबियन, डाईक स्ट्रक्चरों का वर्धा से आये टीम के द्वारा अवलोकन किया। टीम लाभान्वित ग्रामीणों से भी चर्चा की। ग्रामीणों के द्वारा जलस्तर में वृद्धि और कुएं एवं नलकूपों में जहां पहले 180 फीट पर पानी प्राप्त हो रहा था, वह 140 फीट पर प्राप्त हो रहा है। संयुुक्त प्रतिनिधि मण्डल ने नरवा विकास के जमीनी हकीकत को जानने के लिए भूमिगत जल स्तर में वृद्धि, अल्पवर्षा में पानी की पूर्ति, पुनर्राेत्पादन एवं वन्यप्राणियों के पेयजल में वृद्धि, कृषि क्षेत्र में विस्तार जैसे बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। इसके पश्चात टीम के द्वारा केशोडार वनधन औषधि केन्द्र की गतिविधियों का अवलोकन किया और इसकी सराहना की।

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