रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात अभियान की कड़ी में आज प्रेमनगर विधानसभा के अंतर्गत रामनगर में पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल खरसुरा गौठान का जायजा लेने पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने गौठान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात की और गौठान संचालन समेत गौठान से हो रहे फायदों पर महिलाओं से जानकारी ली। मुख्यमंत्री से बातचीत में महिलाओं ने बताया कि अब उनके पास भी काम है। गौठान उनके लिए आय का जरिया बन चुका है, महिलाएं अब अपनी छोटी-मोटी जरूरत स्वयं पूरा कर रही हैं। आय बढ़ने के साथ उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ा है। गोधन न्याय योजना के जरिए आवारा मवेशियों के लिए ठिकाना तय करने के साथ ही गौठानों को रोजगार सृजन के केन्द्र के रूप में विकसित करने जैसी अनोखी पहल के लिए समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री बघेल का अभिवादन किया और आभार जताया।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि, गौठान अब महिलाओं के लिए रोजगार के केन्द्र के रूप में विकसित हो चुका है। खरसुरा गौठान से जुड़कर 40 महिलाएं काम कर रही हैं। यहां गौठान में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट से लेकर महिलाएं अनेक तरह के उत्पाद का निर्माण कर रही हैं। इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि, श्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की पहल पर उन्हें काम मिला, पहचान मिली और वे आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हो सकी हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह सब आपकी मेहनत का परिणाम है कि आप अपने परिवार की आर्थिक सहायता कर पा रही हैं। स्वयं को आर्थिक संबल बनाने के साथ ही परिवार की संबलता में योगदान दे पा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिला समूहों के कार्यों सराहना करते हुए एक ई -रिक्शा प्रदान करने की बात कही ताकि उन्हें गौठान में उत्पादित सब्जियों को बाजार तक ले जाने में सहूलियत हो।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत की राज्यभर में आदर्श गौठान निर्मित किए जा रहे हैं। इन गौठानों को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क की तरह भी विकसित किया जा रहा है। जहां न सिर्फ मवेशियों को ठिकाना मिला है, बल्कि लोगों के लिए रोजगार भी सृजित हो रहे हैं।
संचालित हो रही अनेक गतिविधियां :
मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कस्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट, दीये, गमला, गो-काष्ठ जैसे उत्पाद तो बनाए ही जा रहे हैं साथ ही मछलीपालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन जैसी गतिविधियों का संचालन कर आय के कई स्त्रोत भी विकसित कर लिए गए हैं। इसके अलावा दाल पिसाई मिल भी स्थापित कर लिया गया है। अब ग्रामीणों को दाल पिसाई के लिए दूसरे शहर तक नहीं जाना पड़ता।
गौठान परिसर में ही बनाया मछलीपालन के लिए तालाब :
खरसुरा गौठान से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि शुरुआती दिनों में वे सिर्फ गोबर से वर्मी कम्पोस्ट समेत गोबर के ही विभिन्न तरह उत्पाद बना रही थीं, लेकिन आय के अतिरिक्त स्त्रोत के लिए अन्य अवसर भी तलाशे गए। इस दौरान शासकीय स्तर पर भी मार्गदर्शन व आर्थिक सहयोग मिला। इसके बाद गौठान परिसर में ही मछलीपालन के लिए तालाब का निर्माण किया गया। वहीं सब्जी उत्पादन के लिए बाड़ी बनाई गई। जहां अब लौकी, भिंडी, प्याज, खीरा, तरबूज से लेकर अनेक तरह की सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है और बाजार में विक्रय किया जा रहा है। खरसुरा गौठान की महिलाओं ने सब्जियों से भरी टोकरी भी मुख्यमंत्री श्री बघेल को भेंट की। मुख्यमंत्री ने यहां गौठान में उत्पादित हो रही सब्जियों की सप्लाई आश्रम और छात्रावासों में करने के लिए कहा।
अब गोबर से बनेगी बिजली, बढ़ेगी आय :
गौठान की महिलाओं से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि अब तक राज्य में गौठानों में अब तक गोबर से वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य उत्पाद बनाकर महिलाएं आय प्राप्त कर रही हैं। अब गोबर से बिजली भी बनाई जाएगी और इससे भी महिलाओं को एक बड़ी आय होगी।