नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव कम होता नजर आ रहा है, जहां पर अब रोजाना के मामलों की संख्या 4 लाख से घटकर 1 लाख के आसपास पहुंच चुकी है। इसके अलावा मृतकों की संख्या में भी कमी आई है। जिस वजह से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के उपचार को लेकर अपनी गाइडलाइन बदल दी। इसके तहत एंटीपाइरेटिक और एंटीट्यूसिव को छोड़कर अन्य सभी दवाएं हटा दी गई हैं। साथ ही लोगों से पौष्टिक आहार लेने की भी अपील की गई।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज के मुताबिक बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए नई संशोधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जिसके तहत अब मरीजों के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक, मल्टीविटामिन समेत अन्य दवाओं को बंद कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों को बुखार होने पर सिर्फ एंटीपाइरेटिक और जुखाम होने पर एंटीट्यूसिव दी जाएगी। इसके अलावा गाइडलाइन में साफ किया गया कि बिना ठोस वजह के किसी को भी सीटी स्कैन करवाने के लिए ना भेजा जाए, क्योंकि इसके कुछ नाकारात्मक असर भी पड़ते हैं।
वहीं बिना लक्षण वाले मामलों के लिए कहा गया कि कॉमरेडिडिटी वाले लोगों को छोड़कर सामान्य मरीज को किसी विशेष दवा की आवश्यकता नहीं है। वो अपनी निर्धारित दवाएं लें। साथ मरीज अपने परिजनों से फोन के जरिए संपर्क में रहें और ज्यादातर पॉजिटिव बातें ही करें। वहीं जो हल्के लक्षण वाले केस हैं, उनके स्वास्थ्य, SpO2, बीपी, शुगर आदि की जांच समय-समय पर की जाती रहनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह से नहीं टला है, जिस वजह से सभी को मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसके अलावा पौष्टिक आहार पर भी जोर दिया गया है, ताकि इम्यून सिस्टम को मजबूत कर कम दवाओं का सेवन कर मरीज ठीक हो सकें।