भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 31 मई तक प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों, विकासखंडों और जिलों को कोरोना मुक्त करना है। कोरोना के विरूद्ध आरंभ हुए युद्ध में प्रत्येक स्तर पर जन-भागीदारी और क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मई माह में कोरोना के प्रकरणों को शून्य कर एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक करने की प्रक्रिया का क्रियान्वयन भी जन-भागीदारी से किया जाएगा। मुख्यमंत्री कोरोना नियंत्रण के संबंध में जिलों के कोविड प्रभारी मंत्री, प्रभारी अधिकारियों सहित सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, कलेक्टर्स तथा पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण की स्थिति में है। पॉजिटिविटी रेट 4.82 प्रतिशत है। प्रदेश में 79 हजार 737 टेस्ट किए गए जिसमें सिर्फ 3 हजार 844 पॉजीटिव आए हैं और 9 हजार 327 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 90.86 प्रतिशत हो गया है। एक समय था जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे हुए थे। ऑक्सीजन की मारामारी थी और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए हाहाकार मचा हुआ था। आज सबके परिश्रम व टीम भावना से कार्य करने के परिणाम स्वरूप वर्तमान में मध्यप्रदेश पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में है। मुख्यमंत्री चौहान ने इस उपलब्धि के लिए पूरी टीम को बधाई दी।
हमारा लक्ष्य 31 मई तक अपने प्रदेश को #COVID19 से मुक्त करना है।
इसके लिए हॉटस्पॉट को चिन्हित करके उसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करनी होगी, ताकि एक भी संक्रमित व्यक्ति बाहर न घूमें अन्यथा वह दूसरों को संक्रमित करेगा। #MPFightsCorona #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/IeFiHSQgkc
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) May 22, 2021
उन्होंने कहा कि कोरोना बहुरूपिया है, अत: इसे नियंत्रित देखकर निश्चिंत नहीं बैठा जा सकता है। परन्तु संक्रमण रोकने के लिए प्रदेश में अनंतकाल तक बंद भी नहीं रखा जा सकता है। एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक प्रक्रिया आरंभ की जाना है। इसके लिए प्रभावी रणनीति का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश के कुछ जिलों में सिंगल डिजिट में केस आ रहे हैं जबकि कई जिलों में प्रकरणों की संख्या अभी भी अधिक है। इस स्थिति में हमें एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाना होगी। जिलों के अधिक संक्रमण वाले वार्डों तथा गाँव को हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित करना होगा। इन क्षेत्रों को माइक्रो कन्टेन्टमेंट एरिया बनाकर सघन मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। सघन टेस्टिंग के लिए अभियान जारी रहे। जिन घरों में कोरोना संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति हैं उन्हें होम आइसोलेट किया जाए। यह भी सुनिश्चित करें की ऐसे व्यक्ति परिवार के अन्य सदस्यों से नहीं मिलें। इसका लगातार अनुसरण करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रभारी मंत्रियों तथा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में परिस्थिति अनुसार माइक्रो प्लानिंग कर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए तैयारी जारी है। इसके दो ही तरीके हैं। प्रथम कोरोना से बचाव की सावधानियों जैसे मॉस्क पहनना, भीड़ नहीं लगाना, दो गज की दूरी आदि का इतनी कड़ाई से पालन किया जाए की तीसरी लहर आए ही नहीं। इस रणनीति का क्रियान्वयन क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों, पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों की सहभागिता और जन-जागरण अभियान से किया जाए। प्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल की प्रशंसा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भी की गई है। प्रदेश में जन-भागीदारी की शक्ति को पहचानते हुए कोरोना के विरूद्ध इसका सार्थक उपयोग किया जाए। कोरोना की तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य अधो-संरचना ढाँचे को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है।