क्या कहता है “चुनाव का पर्व देश का गर्व”..🙏❤️🇮🇳✍️

वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव संपन्न, रिजल्ट घोषित और शपथ, सरकार, पूर्ण। तो ऐसा था देश चुनाव, वो क्या कहते थे ’’चुनाव का पर्व देश का गर्व’’ तो यह पूर्ण हुआ। “आप सभी माननीय सम्माननीय को सम्मान पूर्वक नमस्कार, जी हाँ बिलकुल ससम्मान पूर्वक नमस्कार प्रणाम और सभी को जीत – सरकार बनने की बधाई, बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं।” “चुनाव का पर्व देश का गर्व’’ जी हाँ शानदार स्लोगन बहुत बढ़िया चुनाव हुए लेकिन, लेकिन नतीजे अप्रत्याशित संतोष प्रद रिजल्ट, अक्सर स्कुल में कम मार्क्स आने पर, मास्टरजी को कहते सुना होगा, हाँ तुम मैथस में कमजोर थे, नंबर कम आये, लेकिन अच्छा हुआ तुम पास हो गए। सही कहा न ऐसा ही कुछ है….।

चलिए आगे बढ़ते है और भी पहलु है, यह एक महत्वपूर्ण चुनाव लेकिन उतना ही उहा-पोह की स्थिति, नहीं समझा आ रहा था बिलकुल नहीं, लेकिन चुनाव था हुआ और चुन लिया जी हाँ आपने चुन दिया। यह सब आसान नहीं था लिखना पढ़ना तो दूर कुछ नया करते भी नहीं बन रहा था, कुछ करते तो कोई नया वीडियो आ जाता, तो ऐसे में मैंने इस पटल में जितने खबर रखी वो सिर्फ आधी है, उससे परे और भी वीडियों- ख़बरें थी लेकिन वे जरुरी नहीं….।

यहाँ एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि प्रधानमंत्री मोदी जी तीसरी बार सरकार के गठन में कहीं दबाव में नहीं आए। जिस प्रकार से केन्द्रीय मंत्रीपरिषद का गठन हुआ, यह उनके विकसित भारत के संकल्प की दृढ़ता को दिखाता है। सरकार के गठन में सहयोगी दलों ने भी सहृदयता दिखाई जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।

इस चुनाव में क्या अधिकारी, क्या कर्मचारी, क्या सुरक्षा बल सभी ने, सभी ने अपना अमूल्य योगदान दिया। अगर कोई प्रत्याशी के रूप में चुनावी समर में था तो कोई चुनाव सम्पन्न करने बाहर, किसी के हिस्से में जीत आयी तो किसी के हिस्से में हार। लेकिन ऐसी स्थिति में एक और धड़ा है जिन्होंने पूरी जिम्मेदारी से इस पर्व को गर्व बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, बिलकुल ख़ामोशी से पीछे से उन्होंने हर घटना चक्र पर निगाह रखी स्थिति को संभाला अनुकूल बनाया और उसे रिजल्ट में तब्दील कराया।

तो ऐसे में हमारे खाते में यह है की हमने यह चुनाव में हिस्सा लिया लेकिन उस एक तबके के हिस्से में भी यह जीत, चुनाव दर्ज हुई, वे आज नहीं कल नहीं आगे कभी भी यह बात गर्व से रखेंगे, कि हम उस चुनाव का हिस्सा थे और बखूबी उसे सम्पन्न कराया। यह उनके रिकार्ड में दर्ज होगा की उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया। आगे ऐसे बड़े काम में वे अपनी प्रतिभा एनर्जी झोक परिणाम में परिवर्तित करने का दम ख़म-माददा रखते है, तो यह भी गर्व है।

यह सब एक छोटा सा प्रयास है यह पटल एक गुलदस्ते की भांति ही है बिलकुल गुलदस्ता जहाँ सब रंग के फूल, फिर कांटें और पत्ती भी है, इसके विपरीत अगर एक ही रंग प्रजाति के फूल या पत्ते ही रखोगे तो यह कैसा होगा इसकी कल्पना आप खुद कर के देखें। हम पूरी जिम्मेद्दारी से, चार चरणों में काम कर रहे थे काम बड़ा था लेकिन किया। (कलेक्शन सिलेक्शन क्रिएशन प्रेजेंटेशन) हमारे चार चरण 1.कलेक्शन, 2.सिलेक्शन, 3. प्रजेंटेशन और 4. आंकलन तो इस तरह हम इस काम में लगे थे ठीक है सहयोगी और टीम थी लेकिन अंतिम जवाबदेही मेरी ही थी सो सब बढ़िया हुआ जो बेस्ट दे सकते थे हमने किया। कुछ हासिल हो इसकी लालसा नहीं लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव का हिस्सा ही बनना.., फिर वो अनुभव हमारे लिए किसी पाठशाला से काम नहीं। *नेशन फ़स्ट देश प्रथम*

यहाँ एक बात का जिक्र करना जरुरी है मैंने यह सब पहले शुरू किया लेकिन एक बात बताता हु, मैंने पहले “हर व्यक्ति पत्रकार” की अवधारणा से काम शुरू किया कोशिश की लेकिन आपका साथ न मिला, सफल नहीं हुआ। यहाँ एक बात का उल्लेख करना जरुरी है, मेरा ऐसा मानना है कि “हर खबर में सूचना निहित है लेकिन हर सूचना खबर नहीं बनती” कैसे चलिए बताता हु, एक खबर की पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगांव से नामांकन भरा इसमें कोई खबर नहीं बस यही है, एक सूचना इसके बाद क्या…..। चलिए एक और खबर में नजर डालें की राहुल गाँधी ने अमेठी से नामांकन दाखिल किया बस इतना ही न। .. इसलिए मै लिखता हु कि “हर खबर में सूचना निहित है लेकिन हर सूचना खबर नहीं बनती”।

अब काम की बात, मैंने क्यों कहा माननीय सम्माननीय जी हाँ इस ग्रुप में 2 बार अटेक हुआ यहाँ से न. निकल के किसी और जगहों में उपयोग की कोशिश हुई, गलत लगा और समझ से परे था। यह सब मेरी प्रकृति से मैच भी नहीं खाता लेकिन जो यहाँ है तो मेरी भी जिम्मेद्दारी थी सो मै पीछे नहीं हटा पूरा निभा के दम लिया।

यहाँ के माननीय सम्माननीय जानना चाहते है जी नहीं बता सकता और ऐसा करना उचित भी नहीं होगा, वे सब इस प्लेटफार्म से परे बहुत ऊपर है इसलिए संभव नहीं की वे कौन है लेकिन इशारे में बता देता हु चलिए जो विधानसभा हारे फिर और भी हार ही मिली वे महोदय, जो विधायक सांसदी चुनाव में थे वे क्या नेता क्या मंत्री और वे जो शिक्षा का ज्ञान बढ़ाएंगे और फिर एक तो राजा साहब भी है। वे भी जिन्हे आपने वोट दे अभी दिल्ली भेजा, जी सब यही है (Bns) ऐसा है ग्रुप। एक संपादक और एक मेरे साहब भी जिनका मार्दर्शन हमारी प्रेरणा है और मै यहाँ हु। एक भाई का जिक्र करना ही होगा उनका काम तो फूलों का है लेकिन निगाह सब पर रहती है, उन्होंने बताया सर ये ग्रुप नहीं, यह सभी महानुभाव है।

तो भाजपा- मोदी जी सभी का रिपोर्ट कार्ड आ गया आप सब ने पिछले दिनों देखा अब वे सरकार में है। ऐसे में आप सभी माननीय भी मेरा रिपोर्ट कार्ड बता देते तो बहुत बेहतर होता। मै बहुत छोटा हु सुदामा जैसा और आप सभी कृष्ण, ऐसे में मेरा रिपोर्ट कार्ड आप ही जारी करेंगे। “मांगना मेरा काम है याचक हु मांग ही सकता हु…,” देना न देना आपकी मर्जी, मंगाने से याद आया कि यहाँ हमारे साहब भी है, वही मुझे अयोध्या दर्शन करा दे सिर्फ 3 फ्लाइट टिकिट आने जाने की…। पहले की सरकारों ने तो गोवा टूर कराया था हमें कोई अयोध्या ही भेज दे।

हाँ एक और बात पिछली सरकार में सीधा hous से बुलावा आया बात बनी लेकिन सरकार ही बदल गई, सो मेरे हिस्से में इंतज़ार और संघर्ष ही आया। वहां जब मिलाने गया तो देखते ही रहा गया इतने सारे लॉन्चिंग पैड थे, सारे बेटा-बेटी लेकर आये थे, उनको सेट करना है बताये ओह NO, तो साहब मेरे साथ ऐसा कोई बंधन, कोई बाउंडेशन नहीं, साहब मुझे किसी बेटा बेटी के लिए नहीं कमाना और न मुझे कोई दमांद को सेट कराना है, तो मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं मेरे बाद मेरे यह काम कोई नहीं करेगा; वो सेट है।

लेकिन एक बात का जिक्र करता हु, किसी बड़े अधिकारी से पूछने में जवाब दिया था।

मवाद जिससे दुर्गन्ध आती है मै भी घृणा करता हु, फूल जिससे सुगंध आती है मुझे भी प्यार है, साहब शाबाशी से न तो तन ढकता न पेट भरता। तन ढकने-पेट भरने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है, और पैसे का काम पैसे से होता है।

तो माननीय आप सब बड़े है, सभी कृष्ण है मै ठहरा सुदामा….आप सभी कृष्ण को सुदामा का प्रणाम पहुंचें। अगर हमारा काम आपको पसंद आये तो हमें फॉलों करें, लाइक शेयर कमेंट करें और हमारी मदद करना चाहते है तो नीचे बारकोड स्कैन है या इन न. में भी भेज सकते है।

नमस्कार🙏❤️❤️

रविकांत

संपादक भारत न्यूज़ 📍🇮🇳🙏✍️❤️

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