विदेश मंत्री जयशंकर की पाक को दो टूक, रात में आतंकवाद और दिन में क्रिकेट नहीं चलेगा

न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत ‘‘बेहद चुनौतीपूर्ण’’ और एक ऐसे पड़ोसी से बात नहीं कर सकता है जो बातचीत के मंच तक लाने का भारत पर दबाव बनाने के लिएआतंकवाद का इस्तेमाल एक कानूनी हथियार के रूप में करता है और हकीकत से रूबरू कराने पर भी उससे मुकर जाने की नीति पर अमल करता है। जयशंकर बुधवार को यहां थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनसे कश्मीर के बारे में सवाल किया गया,उनसे नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंधों के बारे में भी पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘‘आपने दो प्रमुख शब्दों का प्रयोग किया है और मैं उनमें फर्क करते हुए अपनी बात की शुरुआत करना चाहता हूं। एक शब्द था कश्मीर और दूसरा था पाकिस्तान। और मैं ऐसा करने की वजह भी आपको बताउंगा। मैं नहीं समझता कि भारत और पाकिस्तान के बीच बुनियादी मुद्दा कश्मीर है। मेरा खयाल है कि यह हमारे बीच के कई मुद्दों का एक हिस्सा है।’’

श्री जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए मुद्दा यह नहीं है कि वह पाकिस्तान से बात करेगा या नहीं लेकिन मुद्दा यह है कि भारत एक ऐसे देश से बात कैसे कर सकता है जो आतंकवाद फैलाता है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित ही हर कोई अपने पड़ोसी से बात करना चाहता है। मुद्दा यह है कि मैं एक ऐसे देश से बात कैसे कर सकता हूं जो आतंकवाद फैलाता है और साफ-साफ कहा जाए तो हकीकत से रूबरू कराने पर उससे इनकार करने की नीति अपनाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वह यह (आतंकवाद) करते हैं, हालांकि दिखावा ऐसा करते हैं कि वह यह नहीं कर रहे। वे जानते हैं कि दिखावा में गंभीरता नहीं है लेकिन फिर भी वह ऐसा करते हैं। अब आप इसका क्या उपाय निकालेंगे, मुझे लगता है कि यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। ’’

सीमापार से रची साजिश और वहीं से भारत में अंजाम दिए गए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि मुंबई जहां नवंबर 2008 में हमला हुआ था, वह कश्मीर से महज कुछ हजार मील ही दूर है। विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान का इतिहास कोई सामान्य इतिहास नहीं है।

दोनों देशों ने साथ में क्रिकेट खेलना क्यों बंद कर दिया। इस सवाल के जवाब में उन्होंने उरी, पठानकोट और पुलवामा का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ यदि किसी संबंध पर आतंकवाद, आत्मघाती हमले, हिंसा का विमर्श हावी हो और फिर आप कहें, ‘अच्छा चलिए, अब साथ में चाय पीते हैं, चलो क्रिकेट खेलते हैं। ’ लोगों को बताने के लिहाज से यह बहुत ही कठिन बात होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी लोकतंत्र में जनभावना महत्व रखती है। और एक संदेश मैं नहीं देना चाहता हूं कि आप रात में आतंकवाद करते हैं और दिन में यह सामान्य दिनचर्या है। और बदकिस्मती से यही संदेश होगा जो हम देंगे अगर हम भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की इजाजत देंगे।’’

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.