नरवा कार्यक्रम से जिले के नदी-नालों को मिलेगा नव-जीवन
कोण्डागांव। नरवा कार्यक्रम को अपने आप में एक बहुआयामी कल्याणकारी कार्यक्रम का दर्जा दिया जा सकता है। इस योजना के पूर्ण होने से न केवल इसके दूरगामी जनहितकारी परिणाम निकलेंगे, बल्कि जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगा। कोण्डागांव जिले के कई क्षेत्र में छोटे-छोटे नदी नाले हैं जिनके जल संसाधन का उपयोग नहीं हो सका है ऐसे नदी नालों में पहले वर्ष के छह से आठ महीने भरपूर पानी रहता था, परन्तु वर्तमान में अनवरत भूगर्भीय, जलादोहन से इनके जल भराव की क्षमता घट गई है। फलस्वरुप ये नदी-नाले सूखे मौसम के आने से पहले ही सूख जाते है, परन्तु अब राज्य शासन के ‘नरवा‘ कार्यक्रम के क्रियान्वयन से इन जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन की संभावनाऐं बढ़ गई है।
इस क्रम में जिले के पांच विकासखण्ड जिनमें कोण्डागांव, केशकाल, बड़ेराजपुर, फरसगांव और माकड़ी में बहने वाले नालों को नरवा कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है। इनमें विकासखण्ड कोण्डागांव अंतर्गत बल्लारी एवं मुसर नालो में 13 स्ट्रक्चर के मरम्मत कार्य हेतु प्राक्कलन प्रस्ताव जिला पंचायत कोण्डागांव को भेजा गया है। जिनके पूर्ण होने पर 105 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। इसी प्रकार विकासखण्ड केशकाल में हालिया नाला एवं खालेमुरवेण्ड नालों में 9 स्ट्रक्चर बनाने का प्रस्ताव है जिनके पूर्ण होने पर उक्त विकासखण्ड में 44.30 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का उन्नयन होगा। इसके अलावा फरसगांव विकासखण्ड के गोण्डूम नाले में 3 स्ट्रक्चर कार्य (116 एकड़ में अतिरिक्त सिंचाई), विकासखण्ड माकड़ी में बासनी नाले में 8 स्ट्रक्चर (126 एकड़ क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई) और विकासखण्ड बड़ेराजपुर में तितरवण्ड नाले का चयन नरवा कार्यक्रम के तहत हुआ है। इस प्रकार नरवा कार्यक्रम के माध्यम से जिले के सिंचित रकबे में वृद्धि होगी और इसका लाभ निश्चित रुप से स्थानीय कृषको को होगा।
* जिले के 7 नालों का किया गया चयन