राज्य में बनी जिस पार्टी की सरकार, दिल्ली में भी बने उसी पार्टी की सरकार
रायपुर। केन्द्र में कांग्रेस सरकार बनने को देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के लिये बेहद जरूरी निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए चल रही संस्थाओं को जिस तरह से मोदी सरकार ने चावल देना बंद किया है और जिस अंदाज से दाल-भात सेंटरों के लिए चावल की आपूर्ति बंद की गई है उससे ज़ाहिर हो गया है कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के गरीबों के खिलाफ है। यूपीए सरकार द्वारा दिये गये वनाधिकार से छेड़छाड़ और कानून में बदलाव की कोशिशें कर पट्टे नहीं देना भी मोदी सरकार के जंगलों में रहने वालों के विरोधी होने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ विरोधी होने का प्रमाण है। मई 2014 में मोदी ने शपथ ली और जून 2014 में छत्तीसगढ़ की रमन सरकार को चि_ी लिख दी कि किसानों को बोनस देना बंद करों नहीं तो केन्द्र आपसे धान नहीं लेगा। त्रिवेदी ने कहा है कि कोल ब्लॉक के आवंटन में मोदी सरकार ने जो नीतियां अपनाईं उससे छत्तीसगढ़ को तीस वर्षों में नौ लाख करोड़ के राजस्व का नुक़सान होगा। यह राशि छत्तीसगढ़ के नौ वर्षों के बजट के बराबर है, अगर यह राशि छत्तीसगढ़
में आती तो राज्य में विकास के कार्यों में बहुत तेज़ी आ सकती थी। मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा मज़दूरों को भुगतान के लिए होने वाली राशि को लगातार रोका जिससे राज्य में मजदूरों को पर्याप्त काम नहीं मिलने के कारण फिर से पलायन बढ़ा और बेरोजग़ारी बढ़ी। कांग्रेस पार्टी की सरकार आपने राज्य में बनाई और इस सरकार को बेहतर ढंग से काम करने देने के लिए इस सरकार को अपने संकल्पों को पूरा करने देने के लिए पुरखों के देखे सपनों को साकार बनाने के लिए जंगलों में रहने वालों को अधिकार देने के लिए दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनाना आवश्यक है।