न्यूज़ डेस्क (Bns)। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) इस साल कई अंतरिक्ष मिशनों का लक्ष्य बना रहा है। चंद्रयान -3 की सफलता के बाद अब एक और अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की प्लानिंंग बना रहा है और इस बार ये मिशन चंद्रमा या मंगल के लिए नहीं, बल्कि सूर्य के लिए है। भारत अब एक नये मिशन Aditya L1 mission पर काम कर रहा है। सूर्य के पर्यावरण, सौर ज्वालाओं, सौर तूफानों, कोरोनल की स्टडी करने के लिए भारत अब सूर्य पर अपना यान भेजने की तैयारी में है। सूर्य और चंद्रमा के बारे में नये खुलाासों के बारे में जानने के लिए हम बहुत एक्साइटेड हैं। चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद जोश बहुत हाई है और भारतीय सन मिनशन Aditya L1 mission को भी कामयाब होता देखना चाहते हैं। इसलिए इस नये मिशन Aditya L1 के बारे में यहां A टू Z हर चीज जानिये।
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
Aditya-L1, the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is getting ready for the launch.
The satellite realised at the U R Rao Satellite Centre (URSC), Bengaluru has arrived at SDSC-SHAR, Sriharikota.
More pics… pic.twitter.com/JSJiOBSHp1
— ISRO (@isro) August 14, 2023
मिशन के बारे में जानें (About Aditya L1 mission)
Aditya L1: मिशन भारत का पहला सौर मिशन होगा जो लगभग 5 साल तक सूर्य का अध्ययन करेगा। इसरो पीएसएलवी रॉकेट अंतरिक्ष यान, इसी महीने (अगस्त 2023) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर (एसडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के लिए तैयार है। इसरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष यान में विभिन्न कोणों से सूर्य की स्टडी करने के लिए सात वैज्ञानिक पेलोड होंगे।
क्या है L1?
L1: एक ऐसा प्वाइंट है, जहां सूर्य और पृथ्वी की ग्रेविटी मिलती है और जहां ग्रेविटेशनल फोर्स जीरो हो जाती है। स्पेसक्राफ्ट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) के लैगरेंज पॉइंट L1 में रखा जाएगा, ताकि यह पृथ्वी और सूर्य सिस्टम के बीच रहे। वैज्ञानिकों के लिए स्पेसक्राफ्ट का ये पोजिशन सूर्य के अध्ययन में मदद करेगा, क्योंकि यहां से वैज्ञानिक बिना किसी रुकावट के सूर्य का अध्ययन कर पाएंगे।
मिशन को सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परत के बारे में जानकारी मिलेगी। पूरे मिशन के दौरान, इसका लक्ष्य सौर वातावरण, सौर हवा, कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सौर फ्लेयर्स और भी बहुत कुछ का अध्ययन करना है।
ISRO Coming Mission 🇮🇳❤
Chandryaan-3 #India Moon landing mission launch on 13th July & touch down on 23rd Aug 2023.
Aditya L1, India mission to #Sun ☀️Launch in Aug 2023 end 😳
India Human #Space mission Crew module escape test in Aug 2023 end. pic.twitter.com/79rUFbLMAw
— Vivek Singh (@VivekSi85847001) July 4, 2023
कब लॉन्च होगा (L1 Aditya Mission Date)
इसकी लॉन्चिंंग डेट अभी तक अनाउंस नहीं हुई है, लेकिन इसे अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा।
ISRO ADITYA-L1 MISSION:
THE FIRST OBSERVATORY-CLASS SPACE-BASED SOLAR MISSION FROM INDIA 🛰️☀️
Thread: pic.twitter.com/en7YBeBOyM
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) August 24, 2023
denoted as L1, L2, L3, L4 & L5. The Lagrange points for Sun-Earth system are shown in the figure. The Lagrange point L1 lies between Sun-Earth line. The distance of L1 from Earth is approximately 1% of the Earth-Sun distance.
End of the Thread.#ISRO #AdityaL1 #SunMission #India pic.twitter.com/XjqN6NgOnY
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) August 24, 2023
ये मिशन क्यों हो रहा
- ISRO के मुताबिक इस मिशन के जरिये क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग को समझना, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी, कोरोनल मास इजेक्शन और फ्लेयर्स के बारे में जानना है।
- सौर कोरोना और इसके तापन तंत्र के पीछे के वैज्ञानिक कारण को समझना।
- सूर्य की सबसे बाहरी परत के तापमान, वेग और घनत्व की गणना करना।
- सूर्य की विभिन्न परतों का अध्ययन करना।
- सौर कोरोना के मैगनेटिक फील्ड मेजरमेंट के बारे में जानना।
- सोलर वायु और अंतरिक्ष मौसम के फॉर्मेशन और कांपोजिशन की स्टडी।
- यह मिशन हमें सूर्य और सौर वातावरण के बारे में अधिक जानकारी देगा जो सूर्य की गतिविधियों से प्रभावित होता है।
इसरो के पास लॉन्च के लिए ये परियोजनाएं हैं
आदित्य-एल1: सूर्य का अध्ययन करने वाली देश की पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च होने की उम्मीद है।
XPoSat: भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करेगा, और लॉन्च के लिए ‘तैयार’ है।
इन्सैट-3डीएस: यह जलवायु अवलोकन उपग्रह भी अंतरिक्ष की यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है।
निसार: इसे इसरो और पूर्व अमेरिकी समकक्ष नासा द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है। एक सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR), NASA-ISRO SAR (NISAR) एक निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) वेधशाला है।
It's Happening!
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
Aditya-L1, the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is getting ready for the launch.
The satellite realised at the U R Rao Satellite Centre (URSC), Bengaluru has arrived at SDSC-SHAR, Sriharikota. pic.twitter.com/J2DY7SmK8a
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) August 14, 2023