ड्रोन के माध्यम से खेतों में होगा छिड़काव, बैटरीचलित कल्टिवेटर वाले नांगर से कम समय में हो सकेगी अधिक जुताई-बुआई

रायपुर। हरेली के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों का आधुनिक नवाचारों से परिचय कराया और दुर्ग जिले के ग्राम करसा में आयोजित हरेली उत्सव में दो महत्वपूर्ण कृषि उपकरणों की लांचिंग की। इनमें से एक एग्रीकल्चर ड्रोन है जिसके माध्यम से खेतों में बेहद कम समय में छिड़काव संभव हो सकेगा। इसके साथ ही पशुचलित कल्टीवेटर और प्लांटर की लांचिंग भी की। इन उपकरणों से बहुत कम समय में और अधिक दक्षता के साथ जुताई और बुआई का कार्य किया जा सकेगा। चूंकि यह बैल के पीछे लगा होगा और ट्रैक्टर की तरह जुताई करेगा, इसलिए मुख्यमंत्री ने इस मशीन के लिए ‘बुलट्रैक’ नाम सुझाया।

मुख्यमंत्री ने करसा में हरेली उत्सव में कहा कि आम जनता तक इन यंत्रों की पहुंच बनाने के लिए पूरी सहायता दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि एग्री एंबुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन के माध्यम से खेती-किसानी काफी आसान होगी। 20 गांवों में समूह के माध्यम से एग्रीकल्चर ड्रोन के माध्यम से छिड़काव हो सकेगा। ड्रोन चलाने के लिए समूह के लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों से चर्चा भी की। किसानों ने सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की कृषि को बढ़ावा देने की नीतियों का असर रहा कि पिछले साल 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अनेक योजनाओं के हितग्राहियों को चेक भी वितरित किये और ट्रैक्टर आदि सामग्री का वितरण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि इस बार अधिकांश जगहों में वर्षा की स्थिति अच्छी है। जहां पानी कम है वहां पर बांधों से पानी उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। यहां भी सूचना दी गई है कि कहीं पानी की जरूरत हो सकती है। मैं कलेक्टर को निर्देशित करता हूँ कि इसकी व्यवस्था कर लें। मुख्यमंत्री ने सभा के अंत में कहा कि मुझे सूचना मिल गई है कि खेतों के लिए तांदुला से पानी छोड़ दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने हरेली पर आज ग्राम करसा में गोमूत्र खरीदी का शुभारंभ किया। उन्होंने गोमूत्र की खरीदी की और गौठानों से जुड़ी स्वसहायता समूह की महिलाओं को इसके प्रसंस्करण के लिए सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभा में कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि गौमाता का बहुत महत्व है। वो हर तरह से उपयोगी हैं। गोमूत्र खरीदी अब आरंभ हो गई है तो लोग मवेशियों को अपने घर में ही रखेंगे और पशुपालन की परंपरा और मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री के करसा पहुंचने पर ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। पारंपरिक खुमरी और कौड़ी पहनाकर उन्हें बैलगाड़ी पर बिठाया गया। वे हेलीपैड से बैलगाड़ी में सवार होकर वहां बनाए गए हरेली पूजा स्थत पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने वहां हल, गेड़ी तथा खेती में काम आने वाले अन्य औजारों की विधिवत पूजा की और अन्नदाताओं की खुशहाली व अच्छे फसल की कामना की।

मुख्यमंत्री करसा में आयोजित कार्यक्रम में गेड़ी में भी चढ़े और गेड़ी दौड़ के लिए एंकरिंग भी की। उन्होंने माइक संभालकर सभी खिलाड़ियों से खुद परिचय प्राप्त किया और उनका उत्साहवर्धन भी किया। धोती-कुर्ता पहने मुख्यमंत्री ने मैदान में रेफरी की कमान भी संभाली। उन्होंने सीटी बजाकर गेड़ी दौड़ प्रारंभ करवाया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद गेड़ी चढ़कर पूरे मैदान का चक्कर लगाया। उन्होंने नए खेल गेड़ीबाल में भी अपने जौहर दिखाए। लोग उस समय हतप्रभ रह गए जब उन्होंने गेड़ी से ही पूरे जोर से फुटबाल का ऐसा किक लगाया जो सीधे गोलपोस्ट में पहुंचा। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित गेड़ी दौड़ प्रतियोगिता और अन्य खेलों के विजेताओं को मंच पर पुरस्कृत भी किया।

मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले में कृषि आधारित योजनाओं से हो रहे विकास की झलक दिखाने वाली प्रदर्शनी भी देखी और स्वसहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा भी की। महिलाओं ने उन्हें बताया कि किस प्रकार बाड़ी योजना का लाभ उठाकर उन्होंने बेहतर कमाई की। उन्होंने मुर्गीपालन एवं हैचरी का कार्य कर रही समूह की महिलाओं की प्रशंसा भी की।

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