चालान पेश नहीं कर पायी पुलिस,नक्सली नेता को जमानत
बिलासपुर। माओवादियों के मसले पर पीठ थपथपाने वाली छत्तीसगढ पुलिस को करारा झटका लगा है। छत्तीसगढ पुलिस के राजनांदगाँव जिला पुलिस के हवाले से यह दावा किया गया था कि उन्होने नक्सलियो के नेशनल कोऑर्डिनेटर नक्का राव उफऱ् मुर्ति को पकड़ा है।
नक्का राव उफऱ् मुर्ति बड़े नक्सलियो से सीधे संपर्क में था। यहीं नही बल्कि वह प्रधानमंत्री मोदी की हत्या के षड़यंत्र में शामिल लोगों के संपर्क में था। राजनांदगाँव पुलिस के हवाले से यह दावा भी था कि वह माओवादियों को विस्फोटक उपलब्ध कराता है।राजनांदगाँव पुलिस ने विगत 24 दिसंबर को बागनदी के चाबुकनाला मोड़ से उसकी गिरफ़्तारी दर्शाते हुए दावा किया कि वह नक्सली है और उसके पास से नक्सली साहित्य वायरलेस सेट डेटोनेटर कई दस्तावेज मोबाईल समेत बडी मात्रा में आपत्तिजनक सामान पकड़ाया हैं। इस मामले में पुलिस ने गिरफ़्तार आरोपी पर यूएपीए के तहत अपराध दर्ज किया था। जिसे विशेष न्यायालय ने जमानत दे दी है। दरअसल इस मामले में जिसे कि पुलिस इस कदर हाईप्रोफ़ाइल और बेहद अहम बता रही थी, वहाँ अदालत में पुलिस निर्धारित समयावधि में चालान ही पेश नही कर पाई। यूएपीए याने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट में पुलिस को चालान जमा करने के लिए 90 दिन और विशेष परिस्थिति में 180 दिन का समय मिलता है, लेकिन 90 दिन के भीतर यदि चालान जमा नही है तो न्यायालय से अनुमति लेनी जरुरी है। इस मामले में छत्तीसगढ पुलिस ने अव्वल तो चालान 90 दिन में जमा नही किया और ना ही निर्धारित अवधि में विशेष अनुमति ली, नतीजतन विशेष न्यायालय ने जमानत दे दी है।