परीक्षार्थियों के कपड़े उतारवाने की बात गलत
रायपुर। जशपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला पण्ड्रापाठ की कक्षा 10 वीं की छात्रा के मौत के मामले की जिला प्रशासन द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। जशपुर कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम बगीचा श्री रवि मित्तल को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया है।
ज्ञातव्य है कि ग्राम रौनी तहसील बगीचा के रहने वाली छात्रा मनीता ने बीते दिनों फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले को लेकर विभिन्न माध्यमों से आ रही खबरों के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी बी.आर.धु्रव ने सचिव, स्कूल शिक्षा एवं कलेक्टर जशपुर को प्रषित अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उड़नदस्ता दल द्वारा छात्रा मनीता की जांच नहीं की गई थी। शिक्षा अधिकारी ने यह भी लिखा है कि 1 मार्च को उड़नदस्ता दल शासकीय हायरसेकेण्डरी स्कूल पण्ड्रापाठ परीक्षा केन्द्र पहुंचा था। इस उड़नदस्ता दल के प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री एस.के.वाहने थे। उड़नदस्ता दल में महिला शिक्षिका भी शामिल थी। स्कूल पहुंचने के बाद दल ने परीक्षा कक्षों का मुआयना किया और नकल की आशंका के आधार पर दो-तीन परीक्षार्थियों की पृथक से जांच की गई। एक परीक्षार्थी के पास जांच के दौरान नकल सामग्री मिली। जिसके कारण उसका नकल प्रकरण बनाया गया। जांच के दौरान किसी भी परीक्षार्थी के कपड़े नहीं उतरवाए गए। इस दौरान उड़नदस्ता दल द्वारा कोई भी ऐसा कार्य, व्यवहार अथवा बरताव नहीं किया गया। जिससे बच्चों को परीक्षा देने में कोई व्यवधान आए।
जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि नकल की आशंका के आधार पर जिस छात्रा की जांच उड़नदस्ता दल के महिला सदस्य द्वारा पृथक से की गई थी। वह छात्रा 10वीं बोर्ड परीक्षा में अभी शेष विषयों की परीक्षा दे रही है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया है कि मृतक छात्रा मनीता को उसके परिजनों द्वारा 10 वीं बोर्ड की परीक्षा अवधि में मोबाईल देखने और खेलते रहने से मना किया गया था, जिसके कारण उसने ऐसा कदम उठाया होगा, यह कहा जा रहा है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि एक मार्च को उड़नदस्ता दल द्वारा बनाए गए नकल प्रकरण को लेकर परीक्षार्थियों एवं पालकों में किसी भी तरह का न तो भय है, न ही आक्रोश।
00 डीईओ ने सचिव स्कूल शिक्षा एवं कलेक्टर को भेजी रिपोर्ट