नई दिल्ली। इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी बॉर्डर पर संयुक्त परेड (बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी) नहीं होगी। BSF के सीनियर अधिकारियों ने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी चलते इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर हर साल होने वाली बीटिंग रिट्रीट नहीं की जाएगी।
BSF की ओर से सोमवार को जानकारी दी गई है कि कोरोना महामारी के चलते जारी प्रतिबंधों के मद्देनजर आम लोगों को 26 जनवरी पर बॉर्डर पर आने की अनुमति नहीं होगी। ज्वाइंट और कॉर्डिनेटिड परेड भी नहीं की जाएगी। भारत की ओर से झंडा फहराने का जिस तरह का कार्यक्रम रोजाना होता है, वही किया जाएगा। बता दें कि कोरोना के मामले आने के बाद बीते साल 7 मार्च से ही अटारी-वाघा पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी बंद है।
बीते साल गणतंत्र दिवस के मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ था लेकिन उसके बाद 15 अगस्त को अटारी स्थित जॉइंट चेक पोस्ट पर होने वाला जश्न-ए-आजादी कार्यक्रम बिना दर्शकों के हुजूम के हुआ। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी तो 15 अगस्त को हुई थी लेकिन इसमें आम लोगों के आने पर पाबंदी थी।
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत 1959 में शुरू की गई थी, तब से कुछ मौकों को छोड़कर ये लगातार जारी है। इसमें भारत से BSF के जवान और पाकिस्तान की ओर से पाक रेंजर्स शामिल होते हैं। दोनों देशों के हजारों लोग इसे देखने को पहुंचते हैं। 1959 में शुरू होने के बाद 1965 में भारत और पाक के बीच युद्ध के दौरान रिट्रीट सेरेमनी को पहली बार रद्द किया गया। इसके बाद 1971 में भारत-पाक की जंग के दौरान बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी रद्द की गई। 2014 वाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद रिट्रीट सेरेमनी रद्द की गई। सितंबर 2016 में भी रिट्रीट सेरेमनी रद्द की गई। इसके बाद मार्च 2020 में कोरोना वायरस के चलते सेरेमनी बंद कर दी गई, जो अभी तक बंद है।
कोरोना के चलते इस बार 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में भी कई बदलाव हुए हैं। इस बार परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी जबकि पहले रिपब्लिक डे परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले तक जाती थी। जहां हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने 1 लाख 15 हजार लोग मौजूद रहते थे वहीं इस बार 25 हजार लोग ही मौजूद रहेंगे।