बायोटेक्नालॉजी कॉलेज में छात्रवृत्ति में अनियमितता,अफसर-कर्मी दोषी

बायोटेक्नालॉजी कॉलेज में छात्रवृत्ति में अनियमितता,अफसर-कर्मी दोषी

रायपुर। बायो टेक्नालॉजी कॉलेज देवेन्द्र नगर में छात्रवृत्ति में अनियमितता की शिकायत आई है। इसकी जांच भी कराई गई। जांच में दर्जनभर अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। इनमें दो आईएएस अफसर भी हैं। यह जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

कांग्रेस सदस्य धनेन्द्र साहू के सवाल के लिखित जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2007-08 में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति की दर 510 की जगह पर 740 रूपए का भुगतान किया गया। कॉलेज ऑफ बायो टेक्नालॉजी रायपुर को रविशंकर विश्व विद्यालय द्वारा केवल वर्ष 2005-06 के लिए अस्थाई सम्बद्धता प्रदान किया गया। संस्था द्वारा आगामी वर्षों की सम्बद्धता प्रमाण पत्र को पुष्टि-परीक्षण न कराकर छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज ऑफ बायोटेक्नालॉजी रायपुर केवल नवीन प्रस्ताव पर छात्रवृत्ति स्वीकृति प्रदान की गई है, जबकि उपरोक्त पाठ्यक्रम एक वर्ष न होकर तीन वर्ष का होता है। उच्च शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि कॉलेज ऑफ बायो टेक्नालॉजी रायपुर में जिन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है उन विद्यार्थियों की बारहवीं की अंकसूची में उत्तीर्ण वर्ष का परीक्षण नहीं किया है। जांच में पाया गया गेप सर्टिफिकेट के बिना ही छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है। प्रारंभिक जांच के आधार पर तत्कालीन अपर कलेक्टर एम कांवरे, रमेश शर्मा, राजनारायण पाण्डेय, आरके सिदार, डीके यादव, एसएल देवांगन, श्रीमती शोभा मुंगेर, पी सेनानी, बीएल कुर्रे, जीआर बारबुधे, केआर ठाकुर और एक अन्य को दोषी ठहराया गया है। इनमें से राजनारायण पाण्डेय को सेवा से पृथक किया गया है। दोनों अपर कलेक्टरों के खिलाफ कार्रवाई सामान्य प्रशासन विभाग में प्रक्रियाधीन है। बाकी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

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