पटना। अरुणाचल प्रदेश की घटनाक्रम के बाद नीतीश कुमार को लेकर बिहार की राजनीति में लगातार अटकलबाजी जारी है। इन्हीं अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया कि बिहार में कोई भी राजनीतिक संकट नहीं है। सरकार लगातार जनता के हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे सरकार के कामकाज करने का तरीका अलग रहा है। हम खुद हर पहलुओं को देखते हैं, उसके बाद जरूरत के मुताबिक उन योजनाओं को क्रियान्वित करने का काम करते हैं।
नीतीश कुमार नए साल पर पुराने तेवर में नजर आए। वह सुबह सबेरे सचिवालय पहुंचे जहां उन्होंने कई विभागों की समीक्षा बैठक की। हालांकि नीतीश कुमार सचिवालय कम ही आते थे। लेकिन इस बार उन्होंने कहा कि अब मैं नए साल में अपने पुराने दफ्तर में कम से कम 1 दिन तो जरूर ही बैठूंगा। नीतीश कुमार ने इस बात को भी स्वीकार किया कि पहले सचिवालय आना जाना होता था लेकिन अब थोड़ा कम हो गया है जिसे वह दोबारा शुरू करना चाहते हैं। आपको बता दें कि 2005 से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। कुछ सालों से वह अपने आवास से ही विभागों और मंत्रालयों की बैठक करते हैं।
नीतीश कुमार का यह बयान राबड़ी देवी के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने को लेकर पार्टी नेता विचार करेंगे। इससे पहले भी आरजेडी के नेता लगातार नीतीश कुमार को महागठबंधन में आमंत्रित कर रहे हैं। हालांकि राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार पर तंज भी कसा और कहा कि भाजपा और जदयू के बीच क्या चल रहा है यह देश दुनिया देख रही है। दोनों दलों की लड़ाई आपस में चल रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार की अब चल नहीं रही है।