नई दिल्ली। कोरोना वायरस को महामारी घोषित करते ही उसकी भयावहता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट भी सतर्क हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से अब केवल अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की अधिसूचना के अनुसार, कोरोना वायरस के वैश्विक महामारी कोविड- 19 के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय का कामकाज सिर्फ अर्जेंट मामलों तक सीमित रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट की अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मुकदमे से संबंधित अधिवक्ताओं के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को न्यायालय कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। ज्ञात हो कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 81 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अग्रवाल ने जानकारी दी कि अभी तक सामने आए 81 मामलों में 64 भारतीय, 16 इटली और एक कनाडा का नागरिक है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित पाए गए लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। अब तक, ऐसे 4000 से अधिक संपर्कों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें निगरानी में रखा गया है। मंत्रालय ने बताया कि सरकार अब तक 42,296 यात्रियों को भारत लाई है, जिनमें से 2,559 को वायरस के लक्षण दिखे है और 522 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें 17 विदेशी नागरिक हैं।
भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने एहतियातन कदम उठाए हैं। दिल्ली, बिहार, यूपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत करीब 8 राज्य सरकारों ने स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का फैसला किया है। ज्यादातर राज्यों में 31 मार्च तक स्कूलों को बंद किया गया है। वहीं यूपी में 22 मार्च तक स्कूल को बंद कर दिया गया है।