न्यूज़ डेस्क। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन का दौर थमा नहीं है। सरकार ने विपक्षी दलों पर ये आरोप लगाया है कि हिंसा फैलाने में उनका हाथ है। विपक्ष ने लोगों को CAA और NRC को लेकर गुमराह किया हैं जिसके कारण हिंसा हुई। इसी बीच एक और कन्फ्यूजन बरकरार था कि क्या नागरिकता संशोधन कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होगा या नहीं? इस कन्फ्यूजन को खत्म करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होगा।
एक अखबार साथ हुई बातचीत में जितेंद्र सिंह ने CAA को लेकर काफी बातें साफ कर दी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या लोगों की ज्यादा आबादी हैं। रोहिंग्या लोगों की पहचान के लिए सूची बनाई जाएगी और अगर ज़रूरत होगी तो बायोमेट्रिक सर्टिफ़िकेट्स भी लिए जाएंगे क्योंकि CAA रोहिंग्याओं को कोई लाभ नहीं देगा। ये उन तीन देशों से और छह अल्पसंख्यक समुदायों से नहीं आते हैं।” जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे किसी भी तरह से नागरिकता नहीं ले पाएंगे।
इस कानून के लागू होने के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू-कश्मीर से बाहर जाना पड़ेगा और हम उनके निर्वासन को लेकर पूरी तैयारी करेंगे। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर जितेंद्र सिंह ने चिंता व्यक्त की कि आखिर रोहिंग्या बांग्लादेश से कश्मीर तक कैसे पहुंचे और रोहिंग्या को यहां पर बसाने के पीछे आखिर क्या मंशा थी। इसका पता विश्लेषकों और शोधकर्ताओं को लगाना होगा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में कैसे आ गए। ऐसा क्यों किया गया, क्या उन्हें जम्मू में जम्मू की जनसांख्यिकी बदलने के मकसद से लाया गया था? इन सबकी जांच होनी चाहिए।