न्यूज़ डेस्क। ईरान के सबसे ताकतवर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के अगले ही दिन शनिवार (4 जनवरी) देर रात इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले हुए। पहले बगदाद के सर्वाधिक सुरक्षित ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास पर दो मोर्टार के गोले दागे गए। इसके थोड़ी ही देर बाद 80 किलोमीटर दूर बलाद स्थित अमेरिकी वायुसेना के अड्डे पर दो रॉकेट दागे गए। वर्तमान में इराक में 5200 अमेरिकी सैनिक हैं।
इराकी सेना के सूत्रों ने बताया कि एक मोर्टार अमेरिकी दूतावास परिसर में फटा जबकि दूसरा परिसर के पास आकर गिरा। इराकी पुलिस के मुताबिक इस हमले में पांच लोग घायल हुए हैं। इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट कहां से और किसने दागे। शक जताया जा रहा है कि हमले के पीछे ईरान समर्थित इराकी लड़ाकों हाथ हो सकता है, क्योंकि शुक्रवार (3 जनवरी) को हुए अमेरिकी हमले में उसके शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इन हमलों के बाद इराक के आसमान में अमेरिकी हेलीकॉप्टर उड़ते देखे गए। स्थानीय लोगों में अफरातफरी सा माहौल रहा। अमेरिका ने शनिवार (4 जनवरी) को इराक में फिर ईरान समर्थक लड़ाकों पर हमला किया। इसमें छह लोगों की मौत हो गई। हालांकि अमेरिका ने हमले से इनकार किया है। सुलेमानी की मौत के बाद नाटो ने इराकी सुरक्षा बलों को दिया जा रहा प्रशिक्षण रोक दिया है। इस बीच, इस सप्ताहांत तक अमेरिका मध्यपूर्व में लगभग 3,500 और सैनिक तैनात करेगा।
गौरतलब है कि शुक्रवार (3 जनवरी) को इराक में हुए अमेरिकी हवाई हमले में जनरल सुलेमानी समेत 10 लोग मारे गये। ईरान ने कल ही अमेरिका से बदला लेने का एलान किया था। दोनों देशों के बीच पहले से ही तनाव चल रहा था और अब अमेरिकी हमले के बाद यह चरम पर पहुंच गया है। ईरान के प्रतिशोध लेने के एलान के बाद अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद स्थित अपने दूतावास के नागरिकों को तत्काल इराक छोड़ने को कहा।
ईरान के कहा है कि अमेरिकी हवाई हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के कुद्स बल के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता है जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़े। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जाफरी ने शनिवार को कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल थानी के साथ मुलाकात के दौरान यह बात कही।
जाफरी ने कहा, “ईरान क्षेत्र में किसी तरह का तनाव नहीं चाहता है लेकिन विदेशी और अतिरिक्त क्षेत्रीय बलों की उपस्थिति और हस्तक्षेप से हमारे संवेदनशील क्षेत्र में अस्थिरता तथा असुरक्षा की स्थिति निर्मित हो गई है और तनाव बढ़ गया है।”जाफरी ने जनरल सुलेमानी की हत्या को आतंकवादी कार्रवाई करार देते हुए इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना की। उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी फोन पर बात की और हाल के घटनाक्रम के बारे में चर्चा की।