अल्टरनेटिव चिकित्सकों के एलोपैथिक दवा लिखने पर एतराज

अल्टरनेटिव चिकित्सकों के एलोपैथिक दवा लिखने पर एतराज

बिलासपुर। चीफ जस्टिस अजय त्रिपाठी की डिविजनल बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर त्रिवर्षीय अल्टरनेटिव चिकित्सकों की प्रैक्टिस की नीति को लेकर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर शिकायत की है कि अल्टरनेटिव चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सकों की तरह एलोपैथी दवाइयां लिख रहे हैं जो नियम विरूद्ध है और आईएमए ने इस पर रोक लगाने की मांग की है।

याचिका में कहा गया है कि एलोपैथी दवाइयां लिखने का अधिकार सिर्फ एमबीबीएस डाक्टरों को है। सरकारी वकील के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने चार सप्ताह की मोहलत देते हुए शासन से गाइड लाइन की मांग की है। राज्य निर्माण के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा को बढ़ावा देने के लिए त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम की शुरूआत की थी। त्रिवर्षीय अल्टरनेटिव प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों को बाद में शासकीय सेवा में ले लिया गया था। इस मामले में आईएमए ने कहा है कि अल्टरनेटिव चिकित्सक शासन के निर्देशों और गाइड लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं।

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