राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा,भगत ने भाजपा पर बोला हमला
रायपुर। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरु हुई. चर्चा में शामिल होते हुए कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने भूपेश सरकार को किसानों की सरकार बताया. किसानों के हित मे फैसले का यह काम वहीं कर सकता है, जो किसान रहा हो, और किसानों के दर्द को समझता हो. पिछली भाजपा सरकार का आलोचना करते हुए कहा कि उनके राज में किसानों ने आत्महत्या तक किये. आत्महत्या जैसा कदम कोई ऐसे ही नहीं उठाता। जब किसान का फसल बर्बाद हो गया, कर्ज में डूब जाए, वहीं उन्हें कर्ज वसूली के लिए तहसीलदार व बैंकों का नोटिस आता हो, तब किसान आत्महत्या को मजबूर होता है. इसलिए भूपेश सरकार ने किसानों के कर्जमाफी का फैसला लिया है. इसी कड़ी में लिकिंग के द्वारा धान लेने के दौरान किसानों 3 लाख से अधिक किसानों का 1248 करोड़ की अधिक राशि लौटाई है.
भगत ने झीरमकांड पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा झीरमघाटी मामले में सीबीआई जांच के एलान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गई. इस सदन में उमेश पटेल भी मौजूद है, जिन्होंने उस घटना में सब कुछ खो दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मैं इतना कहूंगा कि जो गलती भाजपा ने की थी वैसी गलती दोबारा राज्य में कभी न हो. यदि उस वक़्त सुरक्षा नहीं हटाई गई होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. इस घटना में आज तक चार्जशीट भी जारी नही हुई.
इस मामले में निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं टाटा को स्टील प्लांट के लिए अधिग्रहित जमीन को किसानों को वापस करने के भूपेश सरकार के फैसले को उन्होंने अभूतपूर्व निर्णय बताया. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील प्लांट के नाम पर अधिग्रहित की गई जमीनों को दस साल बीत जाने के बाद भी प्लांट नहीं लगाया गया. सरकार ने किसानों की जमीन लौटाने का निर्णय लिया. पूर्ववर्ती सरकार ने 1700 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराया था, केवल प्रचार-प्रसार किया कि टाटा का संयंत्र लगवा रहे हैं. बस्तर की दिशा और दशा बदल रहे है. कई तरह के स्लोगन वाले होर्डिंग लगाए गए. स्लोगन वाली सरकार वहीं तक सीमित रही. न तो संयंत्र लगा और न ही किसी तरह का निर्माण 5 सालों में अधिग्रहित जमीन पर लगाया गया. संयंत्र स्थापित नहीं हुआ कोई बात नहीं, लेकिन किसानों की जमीन वापस करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.