बिजली कर्मचारियों की हड़ताल 8 व 9 को
रायपुर। केंद्र और राज्य सरकार की निजी घरानों पर अति निर्भरता की गलत ऊर्जा नीति के चलते छत्तीसगढ़ में बिजली वितरण कंपनियों का कुल घाटा लगभग 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। जबकि विद्युत मंडल के विघटन के समय वर्ष 2008 में लगभग 500 करोड़ रुपये का लाभ था। बिजली बोर्डों का विघटन मुख्यतया घाटे के नाम पर किया गया था किन्तु विघटन के बाद लगातार बढ़ रहे घाटे से स्वयं स्पष्ट हो जाता है कि तथाकथित सुधारों के नाम पर चल रही ऊर्जा नीति पूरी तरह विफल साबित हुई है। इस पर तत्काल पुनर्विचार किया जाना चहिए।
6 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कर्मचारी – अधिकारी समन्वय समिति उपरोक्त मांगों पर सार्थक कार्यवाही न किए जाने पर देश के तमाम बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों के साथ छत्तीसगढ़ के तमाम बिजली कर्मचारी व अधिकारी 8 व 9 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल व कार्य बहिष्कार पर अपना समर्थन देते हुए काली पट्टी लगाकार विरोध प्रदर्शन करेंगे। 9 जनवरी को पावर कंपनी मुख्यालय डंगनिया के गेट के सामने शाम 5.30 बजे आमसभा व विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।