हाईकोर्ट न्यायाधीश आर.पी.शर्मा ने किया बलौदाबाजार में परिवार न्यायालय का शुभारंभ

हाईकोर्ट न्यायाधीश आर.पी.शर्मा ने किया बलौदाबाजार में परिवार न्यायालय का शुभारंभ

बलौदाबाजार। हाई कोर्ट बिलासपुर के न्यायाधीश एवं जिले के पोर्टफोलियो जज राम प्रसन्न शर्मा ने आज यहां जिला मुख्यालय बलौदाबाजार में जिला स्तरीय परिवार न्यायालय का शुभारंभ किया। परिवार न्यायालय के प्रथम जज के तौर पर न्यायाधीश हिरेन्द्र कुमार टेकाम की पदस्थापना हुई है। पुराना कलेक्टोरेट भवन में फिलहाल इसका कार्यालय स्थापित किया गया है। न्यायाधीश श्री शर्मा ने कहा कि परिवार को टुटने से बचाना ही परिवार न्यायालय के गठन का मुख्य उद्देश्य है। मुख्य रूप से यहां मध्यस्थता के जरिए पारिवारिक विवादों को आपसी समझौते से निबटारे का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार शर्मा ने की।

मुख्य अतिथि के रूप मंे हाई कोर्ट न्यायाधीश श्री शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का औपचारिक शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि परिवार न्यायालयों की स्थापना आज समय की मांग है। विशेषकर शहरी इलाकों में इसकी ज्यादा उपयोगिता है। हालांकि इनकी स्थापना हमारे देश की पुरानी मान्यता कि ‘घर की बात घर में ही रहे’ के विपरीत है, लेकिन परिवार को टूटने से बचाने और परिवार में आपसी सामंजस्य एवं एकता बनाये रखने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि अभी यह व्यवस्था है कि परिवार एवं वैवाहिक जीवन में विवाद होता है, तो लोग पहले परिवार परामर्श केन्द्र में आते हैं। आपसी समझौते के तहत यहां मामले का निराकरण करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन अनेकानेक प्रयासों के बावजूद भी बात नहीं बनने पर आखिरकार न्यायालय की शरण में आना ही होता है। इस तरह के प्रकरण परिवार न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आते हैं। यहां पर भी एक बार फिर मध्यस्थता के जरिए परिवारों को जोड़ने के प्रयास किये जाते हैं। यदि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाता है, तो इसी समझौते के मुद्दों के आधार पर न्यायालय अपना फैसला सुनाता है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के महान चिन्तक अब्राहम लिंकन एवं महात्मा गांधी जी भी आपसी समझौते के आधार पर न्याय करने के पक्षधर थे।

न्यायाधीश श्री शर्मा ने कहा कि लोगों का अभी भी न्यायप्रणाली पर अटूट विश्वास है। प्रकरणों की संख्या में इजाफा होना इसका सबसे बड़ा सबूत है। उनकी विश्वास पर खरे उतरना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिवक्ता संगठनों को अपने कनिष्ठ अधिवक्ताओं को न्याय प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षित करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि बिना कोई ठोस कारण के न्यायालयों में प्रकरणों का स्थगन नहीं लिया जाना चाहिए। जब कोर्ट में ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण होगा और लोगों को त्वरित न्याय मिलेगा तो अधिक से अधिक प्रकरण दाखिल होंगे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुरेश शर्मा ने समारोह में स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि परिवार न्यायालय का क्षेत्राधिकार संपूर्ण बलौदाबाजार जिला होगा। फिलहाल जिले की विभिन्न न्यायालयों में लगभग 600 प्रकरण वैवाहिक एवं पारिवारिक विवाद से संबंधित हैं। अब इन सबकी सुनवाई इसी परिवार न्यायालय में होगी। उन्होंने लम्बे अर्से बाद परिवार न्यायालय की मांग पूर्ण होने पर अधिवक्ताओं एवं जिले के लोगों को बधाई दी। समारोह को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शारिक खॉन ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने कार्यक्रम के अंत में समारोह में मुख्य रूप से उपस्थित हाईकोर्ट जज आर.पी.शर्मा सहित उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर जिले के सभी न्यायाधीश, अधिवक्तागण सहित अधिकारी-कर्मचारी एवं शहर के वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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