बस्तर में पुनर्वास की रोशनी से मिट रहा भय का अंधकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर। राज्य सरकार की ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ ने बस्तर अंचल में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। इन नीतियों के परिणामस्वरूप माओवाद की हिंसक विचारधारा में लिप्त युवाओं में विश्वास जागा है और वे मुख्यधारा में लौटकर विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीजापुर जिले में “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्ज़ीवन” अभियान के तहत आज सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों से कुल ₹66 लाख के इनामी 51 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम इस बात का प्रमाण है कि बस्तर भय और हिंसा के अंधकार से बाहर निकलकर शांति, विश्वास और प्रगति के नए युग में प्रवेश कर रहा है। शासन की संवेदनशील नीतियाँ और मानवीय दृष्टिकोण इस परिवर्तन की सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि संवाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में देश अब नक्सल मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस परिवर्तन की यात्रा में सहभागी बनें, ताकि छत्तीसगढ़ का प्रत्येक गाँव शांति, प्रगति और समरसता का प्रतीक बन सके।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.