नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में पहलगाम हिंसा, अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों, अन्नदाताओं के कड़े परिश्रम से लेकर वैश्विक पटल पर भारत का मान बढ़ाने समेत कई अहम मुद्दों से देशवासियों को रूबरू कराया। आइए पीएम मोदी के संबोधन की 5 प्रमुख बातों पर एक नजर डालते हैं।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक पीड़ितों के साथ है और इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, “आज जब मैं आपसे ‘मन की बात’ कर रहा हूं, तो मन में गहरी पीड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी वारदात ने देश के हर नागरिक को दुख पहुंचाया है। पीड़ित परिवारों के प्रति हर भारतीय के मन में गहरी संवेदना है। भले वह किसी भी राज्य का हो, वह कोई भी भाषा बोलता हो, लेकिन वह उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपने परिजनों को खोया है। मुझे अहसास है कि हर भारतीय का खून आतंकी हमले की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है। पहलगाम में हुआ यह हमला आतंक के सरपरस्तों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है।”
पीएम मोदी ने देशवासियों के नाम संबोधन में दिवंगत वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि कस्तूरीरंगन ने इसरो और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किए। इसके साथ ही उन्होंने आर्यभट्ट सैटेलाइट की लॉन्चिंग के 50 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और बताया कि कैसे भारत अब एक ग्लोबल स्पेस पावर बन चुका है। साथ ही, चंद्रयान-3 और गगनयान जैसे मिशनों का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अब भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया है। आज बहुत से युवा स्पेस स्टार्टअप में नए झंडे लहरा रहे हैं। 10 साल पहले इस क्षेत्र में सिर्फ एक कंपनी थी, लेकिन आज देश में, सवा तीन सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप काम कर रहे हैं। आने वाला समय स्पेस में बहुत सारी नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। भारत नई ऊंचाइयों को छूने वाला है।
हाल ही में म्यांमार में आए भूकंप की घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन ब्रह्मा में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। ऑपरेशन ब्रह्मा की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय टीम के साहसिक कार्यों की जानकारी दी। वैश्विक मानवीय प्रयासों में भारत की भागीदारी पर भी उन्होंने बात की। पीएम ने बताया कि भारत ने अफगानिस्तान और नेपाल को बड़ी मात्रा में वैक्सीन और दवाएं भेजी हैं। साथ ही, इथियोपिया में बच्चों के इलाज के लिए प्रवासी भारतीयों के प्रयासों की भी तारीफ की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस अभियान के तहत देश भर में 140 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं और यह अभियान पर्यावरण की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह अभियान उस मां के नाम है, जिसने हमें जन्म दिया और यह उस धरती मां के लिए भी है, जो हमें अपनी गोद में धारण किए रहती है। भारत की इस पहल को देखते हुए, देश के बाहर भी लोगों ने अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाए हैं।
इसके अलावा, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में खेती में नवाचार का भी जिक्र किया। उन्होंने कर्नाटक, हिमाचल, केरल और राजस्थान जैसे राज्यों में सेब, केसर और लीची की अनोखी खेती के उदाहरण देकर किसानों की नवोन्मेषक सोच को सराहा। पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए विज्ञान और युवा प्रतिभा की सराहना भी की। दंतेवाड़ा और गुजरात साइंस सिटी जैसे उदाहरणों से यह जताया कि विज्ञान और नवाचार की ओर देश का युवा आगे बढ़ रहा है।