बिजली संकट से ग्रामीण त्रस्त, लिखित आश्वासन के बाद भूख हड़ताल खत्म

बिजली संकट से ग्रामीण त्रस्त, लिखित आश्वासन के बाद भूख हड़ताल खत्म

गरियाबंद। देवभोग में 132 केवी उपकेंद्र निर्माण करने की मांग को लेकर पिछले चार दिन से चल रहे क्रमिक भूख हड़ताल सोमवार को खत्म हो गया। कलेक्टर ने ट्रांसमिशन विभाग के अधीक्षक यंत्री को लेकर धरनास्थल पहुंचे। अधीक्षक ने 15 जुलाई के भीतर 52 करोड़ लागत के उपकेंद्र निर्माण के लिए कार्य आदेश जारी करने का लिखित आश्वासन दिया।

देवभोग मैनपुर इलाके के 200 गांव के लोग पिछले एक माह से बिजली सत्याग्रह आंदोलन चला रहे हैं। 7 जून से देवभोग बस स्टैंड में क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू कर दिया था, आंदोलन उग्र होता उससे पहले कलेक्टर श्याम धावड़े ने सूझबूझ से काम लिया। कलेक्टर ने बिजली कंपनी के ट्रांसमिशन शाखा के अधीक्षक यंत्री संदीप गुप्ता को अपने साथ लेकर आए. पहले तहसील कार्यालय में अफसरों ने प्रतिनिधि मंडल के साथ घंटेभर तक मामले में चर्चा किया। सत्याग्रह प्रतिनिधि मंडल ने समस्या के 8 बिंदू पर चर्चा कर समाधान की मांग की। विभिन्न बिंदुओं के निदान के लिए कलेक्टर ने मौके पर से ही समाधान के लिए बिजली विभाग के अफसरों को निर्देशित किया।

विभाग के अफसर गुप्ता ने 132 केवी के स्थापना के प्रगति के बारे में प्रतिनिधियों को बताया, लेकिन वे लिखित में मांग किया। जिसके बाद अधीक्षक यंत्री को लिखित में देकर बताना पड़ा कि, इंदागाव में स्थापना होने वाले उपकेंद्र के लिए टेंडर जारी हो चुका है। सब स्टेशन व टावर लाइन की स्थापना में 52 करोड़ रुपए स्वीकृत है. निर्माण कंपनी द्वारा प्रतिभूति की राशि जमा करते ही, 15 जुलाई तक वर्क ऑर्डर दे दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद ही आंदोलन खत्म करने का एलान किया गया।

कलेक्टर अफसरो के साथ धरनास्थल पर भी गए, वहां मौजूद लोगों ने उनका स्वागत किया. ज्ञापन भी सौंपा, जिसके बाद कलेल्टर ने आंदोलन समाप्त करने का आग्रह करते हुए कहा कि समस्या समाधान करने की जिम्मेदारी हमारी है। आपसी चर्चा व बातचीत के जरिये हल निकाला जा सकता है। उन्होंने मांगों को जायज ठहराते हुए, जनभावना के अनूरूप सब स्टेशन निर्माण शीघ्र प्रारंभ करने का भरोसा दिलाया है।

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