भोंड के मॉडल गोठान उपचार की भी होगी व्यवस्था
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा एवं बाड़ी के अंतर्गत बस्तर संभाग के बस्तर तहसील के ग्राम पंचायत भोण्ड में लगभग 12 एकड़ में चारागाह सह गोठान विकसित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 8 एकड़ क्षेत्रफल में सिर्फ गोठान का निर्माण किया गया है। ग्राम पंचायत भोण्ड में 1 हजार 37 गाएं हैं, जिनमें गोठान क्षेत्र आने वाली गायों की संख्या 536 है। यहां चार एकड़ क्षेत्रफल में चारागाह विकसित किया जा रहा है, जहां नेपियर घास, मक्का और हरा चारा उगाया जाएगा। चारा उत्पादन के लिए ड्रिप सिंचाई की भी व्यवस्था की जा रही है। इस गोठान में मवेशियों के उपचार की व्यवस्था भी होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसका अवलोकन किया और यहां की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया है।
गोठान में पशुओं को पानी पीने के लिए चार बड़े कोटना की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही चारागाह को हरा-भरा रखने के लिए यहां नलकूप खोदा गया है और सोलर पम्प से चारागाह सिंचाई होगी। यहां रहने वाली गायों से होने वाले गोबर को इक_ा करने के लिए नाडेप टैंक और वर्मी कम्पोस्ट टैंक बनाए गए हैं। वर्मी कम्पोस्ट टैंक से केंचुआ खाद तैयार किया जाएगा। गायों की देखरेख पशुपालन विभाग द्वारा की की जा रही है। बारिश शुरू होते ही गोठान की सुरक्षा के लिए लगाए गए फेंसिंग के किनारे-किनारे दो हजार से ज्यादा पौधे लगाएं जाएंगे। इन पौधों की देखरेख एवं जीवित रखने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समिति बनाई गई है। समिति के प्रत्येक सदस्य को 200 पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी और उसके बदले हर माह 3 हजार रूपए का भुगतान किया जाएगा। पौधों की देखभाल आगामी 3 साल तक की जाएगी। इसके साथ ही भोंड में ही सामुदायिक खेती के लिए 5 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। यहां सामुदायिक खेती के लिए भी लगभग साढ़े पांच लाख रुपए खर्च किया जा रहा है। यहां से गुजरने वाले नाले का ट्रीटमेंट भी मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा है।