दवा खरीदी में घोटाला, मुख्यमंत्री से की गई शिकायत

दवा खरीदी में घोटाला, मुख्यमंत्री से की गई शिकायत

रायपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना में नियमों के विपरीत निजी कंपनियों से दवा खरीदी कर करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार करने की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से की गई है. कमीशनखोरी के चक्कर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के नियमों की अवहेलना कर निजी कंपनियों से अधिक दाम पर 103 प्रकार की दवा खरीदी गई. इससे शासन को करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है. यह पूरा भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है.

कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने मांग की है कि जनहित के ऐसे मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सेवाएं को निर्देश जारी किया जाए कि उन गैरजिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए तत्काल अनुशंसा करें. साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को समुचित जांच करने के लिए भी अनुशंसित करें, जो भारत सरकार के स्पष्ट आदेश के बावजूद उन 103 दवाओं को पांच सरकारी क्षेत्र की दवा कंपनियों से न खरीदकर अपने हित के लिए अन्य कम्पनियों से खरीद कर शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं.

इस योजना को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ शासन को हर वर्ष करोड़ों रुपए का आबंटन किया जाता है. स्पष्ट रूप से निर्देश हैं कि योजना के अंतर्गत 103 प्रकार की दवा खरीदी 16 त्न छूट के साथ भारत सरकार के पांच संस्थानों से किये जायेंगे.इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, गुडग़ांव, राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड जयपुर, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, पुणे, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, बंगलौर तथा बंगाल रसायन और फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, कोलकाता।भारत सरकार के निर्देश के बावजूद छग शासन के स्वास्थ्य विभाग के कमीशनखोरी में लिप्त अधिकारियों ने महंगी कीमत पर वहीं दवाये अन्य कंपनियों से खरीदी जा रही हैं और शासन को हर साल करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है.

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