सरप्लस के बाद बिजली कटौती,कहीं साजित तो नहीं,जांच शुरू
रायपुर। चुनाव में नफा नुकसान के लिए कुछ भी किया जाना संभव हैं। प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। बताया गया कि पिछले 15 दिनों में एक घंटे से अधिक की बिजली कटौती पर जांच शुरू हो गई है। उन कारणों की पड़ताल हो रही है, जिनकी वजह से बिजली कटौती हुई है। मध्यप्रदेश की तरह यहां भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के इरादे से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आई है।
सीएम भूपेश बघेल ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य पॉवर कंपनी के चेयरमैन शैलेन्द्र शुक्ला ने कहा कि कई जगहों पर अघोषित बिजली कटौती की शिकायत आई है। इसकी जांच चल रही है। उन इलाकों से जानकारी ली जा रही है, जहां एक घंटे से अधिक समय बिजली कटौती हुई है। उन्होंने कहा कि एक घंटे तक की बिजली कटौती का रिकॉर्ड उपलब्ध होता है, लेकिन इससे अधिक समय की कटौती की जानकारी ली जा रही है। पूरे प्रदेश में पिछले 15 दिनों में जहां भी एक घंटे से अधिक बिजली कटौती हुई है, वहां से वस्तुस्थिति की जानकारी बुलाई गई है। बताया गया कि भाजपा ने अपने चुनावी सभा में बिजली कटौती का मुद्दा उठाया था। जबकि प्रदेश में सरप्लस बिजली उपलब्ध है। मध्यप्रदेश में भी भाजपा नेताओं के इशारे पर सत्तारूढ़ दल को नुकसान पहुंचाने के इरादे से बिजली कटौती की गई थी। इस पर कमलनाथ सरकार ने दो सौ से अधिक विद्युत कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। कुछ लोगों को अंदेशा है कि यहां भी इस तरह का काम हो सकता है। दूसरी तरफ प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में आंधी-तूफान की वजह से कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है।